ऑर्गन इंडिया ने वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स 2025 में भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन का मनाया जश्न
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, बुधवार 3 सितम्बर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। एन.जी.ओ., पाराशर फाउंडेशन की एक पहल, ऑर्गन इंडिया और भारतीय दल के टीम प्रबंधकों ने जर्मनी के ड्रेसडेन में आयोजित वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स (विश्व प्रत्यारोपण खेल) 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को गर्व से सम्मानित किया। भारत की भागीदारी से जुड़ी एक प्रेरक शक्ति के रूप में, ऑर्गन इंडिया टीम ने इन खेलों में देश के अब तक के सबसे बड़े दल की तैयारी, प्रशिक्षण, प्रायोजन की व्यवस्था और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा ने भाग लिया, जिन्होंने एथलीटों की उल्लेखनीय उपलब्धियों और उनके उत्साह की सराहना की।
इस वर्ष, 57 एथलीटों (49 अंग प्राप्तकर्ता और 8 जीवित दाता) ने 17 खेलों में 51 देशों के 1,600 प्रतिभागियों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व किया। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यता प्राप्त, ये खेल, एथलेटिक उत्कृष्टता का उत्सव और प्रत्यारोपण कराने वाले और अंगदाताओं की शक्ति का एक वैश्विक प्रमाण हैं।
भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 63 पदक (16 स्वर्ण, 22 रजत, 23 कांस्य) हासिल किए, जो 2023 में पर्थ में जीते गए 35 पदकों से लगभग दोगुना है और कुल मिलाकर 13वां स्थान प्राप्त किया। तीरंदाजी, फुटबॉल, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल में पहली बार भाग ले रही टीमों एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें तीरंदाजी टीम ने दो पदक जीते। ये एथलीट राजस्थान, कर्नाटक, केरल, हरियाणा, गोवा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तराखंड और दिल्ली से आए थे। यह उपलब्धि दिनेश व्यास पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के लगातार दूसरी बार मिले अटूट समर्थन और सुब्रोस के अमूल्य सहयोग से संभव हुई, जिनके योगदान से यह आयोजन नई ऊंचाइयों को हासिल कर सका। इसके अतिरिक्त, जीके वाइंडिंग, टू द न्यू, ऑर्गन ट्रांसप्लांट ट्रस्ट, मैकलॉड फार्मा, डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन और प्यूमा जैसे समर्थकों ने एथलीटों के लिए सभी किट प्रायोजित करने में योगदान दिया।
सुश्री अनिका पाराशर, अध्यक्ष पाराशर फ़ाउंडेशन एवं संस्थापक, ऑर्गन इंडिया ने कहा वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स जीवन, लचीलेपन और अंगदान की शक्ति का एक वैश्विक उत्सव हैं। ये प्रमाणित करते हैं कि अंग-प्रत्यारोपण के बाद जीवन में उपलब्धियां हासिल करने की कोई सीमा नहीं होती। सुश्री सुनयना सिंह, सीईओ, ऑर्गन इंडिया और गेम्स फ़ेडरेशन में भारत की सदस्य प्रतिनिधि ने कहा हम एक उच्च प्रशिक्षित, प्रतिस्पर्धी टीम लेकर आए थे, और परिणाम बहुत कुछ कहते हैं। तीरंदाजी, वॉलीबॉल, फ़ुटबॉल में शुरुआती पदार्पण से लेकर युवा तैराकों की जीत तक, हर खिलाड़ी का प्रदर्शन उल्लेखनीय था। खिलाड़ियों ने भारत की भावना को जर्मनी तक पहुँचाया और अपने साहस, उदारता और उत्साह से दुनिया भर को प्रेरित किया। उनकी जीत ने वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में भारत को एक उभरती हुई शक्ति के रूप में स्थापित किया है
एन.जी.ओ., पाराशर फाउंडेशन की एक पहल, ऑर्गन इंडिया और भारतीय दल के टीम प्रबंधकों ने जर्मनी के ड्रेसडेन में आयोजित वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स (विश्व प्रत्यारोपण खेल) 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को गर्व से सम्मानित किया। भारत की भागीदारी से जुड़ी एक प्रेरक शक्ति के रूप में, ऑर्गन इंडिया टीम ने इन खेलों में देश के अब तक के सबसे बड़े दल की तैयारी, प्रशिक्षण, प्रायोजन की व्यवस्था और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा ने भाग लिया, जिन्होंने एथलीटों की उल्लेखनीय उपलब्धियों और उनके उत्साह की सराहना की।
इस वर्ष, 57 एथलीटों (49 अंग प्राप्तकर्ता और 8 जीवित दाता) ने 17 खेलों में 51 देशों के 1,600 प्रतिभागियों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व किया। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यता प्राप्त, ये खेल, एथलेटिक उत्कृष्टता का उत्सव और प्रत्यारोपण कराने वाले और अंगदाताओं की शक्ति का एक वैश्विक प्रमाण हैं। भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 63 पदक (16 स्वर्ण, 22 रजत, 23 कांस्य) हासिल किए, जो 2023 में पर्थ में जीते गए 35 पदकों से लगभग दोगुना है और कुल मिलाकर 13वां स्थान प्राप्त किया। तीरंदाजी, फुटबॉल, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल में पहली बार भाग ले रही टीमों एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें तीरंदाजी टीम ने दो पदक जीते। ये एथलीट राजस्थान, कर्नाटक, केरल, हरियाणा, गोवा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तराखंड और दिल्ली से आए थे। यह उपलब्धि दिनेश व्यास पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के लगातार दूसरी बार मिले अटूट समर्थन और सुब्रोस के अमूल्य सहयोग से संभव हुई, जिनके योगदान से यह आयोजन नई ऊंचाइयों को हासिल कर सका। इसके अतिरिक्त, जीके वाइंडिंग, टू द न्यू, ऑर्गन ट्रांसप्लांट ट्रस्ट, मैकलॉड फार्मा, डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन और प्यूमा जैसे समर्थकों ने एथलीटों के लिए सभी किट प्रायोजित करने में योगदान दिया।
सुश्री अनिका पाराशर, अध्यक्ष पाराशर फ़ाउंडेशन एवं संस्थापक, ऑर्गन इंडिया ने कहा वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स जीवन, लचीलेपन और अंगदान की शक्ति का एक वैश्विक उत्सव हैं। ये प्रमाणित करते हैं कि अंग-प्रत्यारोपण के बाद जीवन में उपलब्धियां हासिल करने की कोई सीमा नहीं होती। सुश्री सुनयना सिंह, सीईओ, ऑर्गन इंडिया और गेम्स फ़ेडरेशन में भारत की सदस्य प्रतिनिधि ने कहा हम एक उच्च प्रशिक्षित, प्रतिस्पर्धी टीम लेकर आए थे, और परिणाम बहुत कुछ कहते हैं। तीरंदाजी, वॉलीबॉल, फ़ुटबॉल में शुरुआती पदार्पण से लेकर युवा तैराकों की जीत तक, हर खिलाड़ी का प्रदर्शन उल्लेखनीय था। खिलाड़ियों ने भारत की भावना को जर्मनी तक पहुँचाया और अपने साहस, उदारता और उत्साह से दुनिया भर को प्रेरित किया। उनकी जीत ने वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में भारत को एक उभरती हुई शक्ति के रूप में स्थापित किया है।
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