वैद के तंत्र-मंत्र में जादू टोना नहीं, मन की आवाज़ : देवगुरु डॉ.ज्ञानचंद्रा

शब्दवाणी सम्माचार टीवी , वीरवार 25 अप्रैल 2025 ( प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। देवगुरु डॉ. ज्ञानचंद्रा भारतीय पुरातन विद्या के ज्ञानी है साथ ही पेंटिंग में महारत हासिल है। इनकी पेंटिंग का विषय अधिकतर 2500 वर्ष पूर्व वेद के तंत्र-मंत्र पर पेंटिंग बनाते है। देवगुरु डॉ. ज्ञानचंद्रा कहते है वर्तमान में तंत्र-मंत्र को जादू टोना समझते है जबकि तंत्र-मंत्र जादू टोना नहीं होता है वेद में तंत्र-मंत्र एक विधा के रूप में वर्णन है। जिसका प्रमाणित आज का विज्ञान भी शायद करता है बेशक आज के विज्ञान ने उसको कोई और नाम दे दिया है। ज्ञानचंद्रा आगे कहते आगे कहते है तंत्र-मंत्र मानव में आत्मा जैसी कुछ चीज है क्योंकि जब कोई भी मानव अच्छा या बुरा कार्य करता है तो उसको अंदर से कोई अहसास होता है और उसे उस कार्य को करने से पहले और बाद तक कुछ शकुन या आत्मग्लानि सी करवाती है। शायद वो कुछ तो है जो ऐसा करता है। देवगुरु डॉ. ज्ञानचंद्रा उसी को आधार मानकर अपनी पेंटिंग बनाते हैं इसलिए हर पेंटिंग को उसी शक्ति के बुलबुले जप करते हुए बगैर देखे पेंटिंग बनाते हैं और जब पेंटिंग बन जा...