ग्रीन बिल्डिंग इनोवेशन के लिए CII-IGBC ने किया तीसरे ग्रीनटेक समिट का आयोजन

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 3 मई 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। निर्माण क्षेत्र वैश्विक कार्बन उत्सर्जन का एक बड़ा हिस्सा है, जिससे यह जलवायु कार्रवाई के प्रयासों का मुख्य केंद्र बन गया है. जैसे-जैसे पर्यावरणीय चुनौतियाँ बढ़ रही हैं और दुनियाभर में नियम सख्त हो रहे हैं, इमारतों और बुनियादी ढांचे को कार्बन मुक्त करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) ने तीसरे ग्रीनटेक समिट का आयोजन किया. इस समिट में सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और भारत की बढ़ती बुनियादी जरूरतों के लिए टिकाऊ समाधानों को गति देने पर विचार-विमर्श किया. समिट का उद्देश्य ग्रीन टेक्नोलॉजी, नवोन्मेषी निर्माण सामग्री और नीतिगत ढांचे को बढ़ावा देना रहा ताकि भारत में निर्माण क्षेत्र को कम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में ले जाया जा सके। इस समिट का उद्घाटन एयरपोर्ट इकनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सदस्य धर्मेंद्र कुमार कामरा ने किया. उन्होंने भारत के शहरी विकास में स्थिरता को मुख्यधारा में लाने की जरूरत पर ज़ोर दिया. उन्होंने बताया कि देश के कई हवाई अड्डों में पहले से ही IGBC की स्वर्ण और प्लैटिनम रेटिंग्स प्राप्त करने वाली ग्रीन बिल्डिंग विशेषताओं को अपनाया जा रहा है, जिससे ऊर्जा और जल की खपत में उल्लेखनीय कमी आई है. इसके अलावा डेनमार्क की रॉयल एम्बेसी मंत्री सलाहकार सोरेन नोरेलुंड और सिग्नेचर ग्लोबल इंडिया के उपाध्यक्ष ललित कुमार अग्रवाल ने वैश्विक सहयोग और ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। 

वैश्विक सहयोग और नवाचार पर बल

इस सत्र की शुरुआत करते हुए IGBC दिल्ली चैप्टर के चेयरमैन संजय वर्श्नेय ने कहा, " “भारत इस समय एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है, जहां से वह टिकाऊ निर्माण की दिशा में वैश्विक नेतृत्व कर सकता है. हमारे अधिकांश शहरी क्षेत्र अब भी विकास के चरण में हैं, इसलिए हमारे पास जलवायु अनुकूलता, ऊर्जा दक्षता और नवाचार को शुरुआत से ही शामिल करने का सुनहरा अवसर है. IGBC का ग्रीनटेक समिट न केवल विचारों का मंच है, बल्कि यह नीतियों, उद्योग और तकनीक को जोड़ने वाला एक उत्प्रेरक है जो हमें एक कम-कार्बन, समावेशी भविष्य की ओर ले जाता है। 

भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता पर चर्चा

पहला सत्र "ग्रीनिंग द वैल्यू चेन: भारत का नेतृत्व और वैश्विक प्रभाव", IGBC तकनीकी समिति के अध्यक्ष और AEON इंटिग्रेटेड बिल्डिंग डिजाइन कंसल्टेंट्स एलएलपी के मैनेजिंग पार्टनर आशीष राखेजा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ. इस सत्र में एनटीपीसी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक टी के बंदोपाध्याय, ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष बलजीत सिंह, कैरियर लिमिटेड के निदेशक संजय शर्मा, IGBC के डिप्टी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एम. आनंद सहित कई विशेषज्ञों ने नीति नवाचार, कार्बन में कटौती की रणनीतियों और दोहराए जा सकने वाले ग्रीन प्रैक्टिसेस पर अपने विचार साझा किए। 

अगली पीढ़ी की निर्माण सामग्री: लागत में कमी और ऊर्जा दक्षता

“नेक्स्ट-जेन बिल्डिंग मटेरियल्स” पर आधारित तकनीकी सत्र में विशेषज्ञों ने ऐसी निर्माण सामग्रियों और तकनीकों की जानकारी दी जो निर्माण लागत को कम करने के साथ-साथ ऊर्जा दक्षता और जल संरक्षण को भी बढ़ावा देती हैं. IGBC नोएडा चैप्टर के को-चेयरमैन के डी सिंह, वरिष्ठ वास्तुकार अशोक बी लाल, सेंट-गोबेन इंडिया के मैनेजर (सस्टेनेबिलिटी) गोपीनाथ यू., विनायक इंडस्ट्रीज के संस्थापक मोहित अग्रवाल सहित अन्य वक्ताओं ने उन्नत ग्लास, जलवायु-अनुकूल वास्तुकला और एकीकृत अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण समाधानों के वास्तविक उपयोग प्रस्तुत किए। 

किफायती ग्रीन हाउसिंग पर केंद्रित रहा एक विशेष सत्र

"भारत में ग्रीन हाउसिंग को गति देना" नामक सत्र में ग्रीन हाउसिंग के लागत संबंधी पहलुओं पर चर्चा हुई. सत्र की अध्यक्षता IGBC की पूर्व चेयरपर्सन आर्किटेक्ट शीतल तुतेजा ने की. अन्य पैनलिस्टों में BMTPC के कार्यकारी निदेशक डॉ. शैलेश कुमार अग्रवाल, IIFL हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रमुख डॉ. लोकेश गोयल, और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के वैज्ञानिक डॉ. अरुण के त्रिपाठी शामिल रहे. उन्होंने सरकारी प्रोत्साहनों, नवाचारपूर्ण वित्तीय मॉडलों और नई निर्माण सामग्रियों के उपयोग से शहरी और अर्ध-शहरी भारत में ग्रीन हाउसिंग के विस्तार पर चर्चा किया। 

स्मार्ट तकनीकों का उपयोग: डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में कदम

"सस्टेनेबल बिल्डिंग्स के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग" नामक अंतिम सत्र में स्मार्ट तकनीकों, AI, IoT और डिजिटल ट्विन मॉडल्स के जरिए भवनों के प्रदर्शन में सुधार और ऊर्जा खपत में कमी लाने के उपायों पर चर्चा हुई. इसमें शिंडलर इंडिया के रीजनल वाइस प्रेसिडेंट चेतन भुरन, बिजनेस फिनलैंड के वरिष्ठ सलाहकार श्री धर्मेश शरण, और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एवं साउथ एशिया के ESG डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लीड निरंजन सिंह मनोहर सहित कई तकनीकी नवप्रवर्तक और शहरी योजनाकारों ने भाग लिया। 

समापन

अंत में IGBC के डिप्टी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एम. आनंद ने कहा ग्रीनटेक समिट केवल ज्ञान साझा करने का मंच नहीं है, यह कार्रवाई के लिए प्रेरणा देने वाला आयोजन है. इस तरह की पहलों के माध्यम से हम भारत के नेट जीरो बिल्ट एनवायरनमेंट के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इस समिट का समापन एक पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जिसमें भारत में ग्रीन निर्माण और स्थिरता में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया गया. यह आयोजन भविष्य की साझेदारियों को बढ़ावा देने और भारत की ग्रीन ट्रांजिशन यात्रा को सशक्त करने के लिए एक प्रभावशाली नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म भी साबित हुआ। 

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