पेटॉनिक एआई ने लॉन्च किया एआई-पावर्ड प्लेटफॉर्म
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 1 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। एआई आधारित इनोवेशन और कंसल्टिंग के क्षेत्र में काम करने वाली वैश्विक कंपनी पेटॉनिक एआई ने सैन फ्रांसिस्को में टेकक्रंच डिसरप्ट 2025 इवेंट के दौरान अपने अत्याधुनिक एआई इनोवेशन मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म ‘सॉल्वएआई’ को लॉन्च किया। यह लॉन्च दुनिया भर की कंपनियों के लिए एक अहम बदलाव लेकर आया है, जिससे अब वे सिर्फ अनुभव या अनुमान के बजाय डेटा और एआई पर आधारित फैसले ले सकेंगी। यानी इनोवेशन की सोच, मूल्यांकन और अमल का पूरा तरीका अब पहले से कहीं ज़्यादा तेज़, सटीक और स्मार्ट होगा। सॉल्वएआई एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रीडिक्टिव एनालिटिक्स और डिसीजन ऑटोमेशन को जोड़ता है, ताकि इनोवेशन की पूरी प्रक्रिया विचार से लेकर मूल्यांकन और अमल तक तेज़ और प्रभावी बन सके। यह प्लेटफॉर्म संगठनों को 200% तक तेज़ी से नवाचार करने, 90% तक लागत घटाने और लगभग सटीक निर्णय लेने में मदद करता है। कंपनियों, कंसल्टिंग फर्मों और बिजनेस लीडर्स के लिए तैयार किया गया सॉल्वएआई टीमों को उनके आइडियाज को ठोस नतीजों में बदलने की शक्ति देता है वो भी तेज़ी के साथ, स्मार्ट तरीके से और बड़े पैमाने पर।
दुनिया भर में इनोवेशन कंसल्टिंग और मैनेजमेंट का बाजार इस समय करीब 970 अरब अमेरिकी डॉलर का है और 2026 तक यह 1.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। फिर भी, कई कंपनियाँ अब भी पुराने और जटिल तरीकों या मानव विश्लेषण पर निर्भर रहती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 45% समय सिर्फ मैनुअल जांच-पड़ताल में चला जाता है, और 60% से ज़्यादा इनोवेशन प्रोजेक्ट्स अपेक्षित परिणामों को हासिल नहीं कर पाते। सॉल्वएआई इन चुनौतियों का सीधा समाधान पेश करता है। यह एक एकीकृत एआई-आधारित इनोवेशन प्लेटफॉर्म है, जो प्रीडिक्टिव मॉडलिंग, स्मार्ट सिमुलेशन और रियल-टाइम एनालिटिक्स की मदद से काम करता है। यह प्लेटफॉर्म कंपनियों को सही आइडिया चुनने, संसाधनों का बेहतर उपयोग करने और प्रोजेक्ट के असर का सटीक अनुमान लगाने में मदद करता है। इसके ज़रिए कंपनियाँ अपने प्रोजेक्ट्स की सफलता दर में 80% तक बढ़ोतरी और मान्य (वैलिडेटेड) आइडियाज में 300% से अधिक वृद्धि हासिल कर सकती हैं।
लॉन्च के मौके पर पेटॉनिक एआई के सीईओ युवराज भारद्वाज ने कहा अब तक इनोवेशन को एक कला माना जाता था — कुछ ऐसा जो अनिश्चित, बेतरतीब और सिर्फ अनुभव पर आधारित हो। लेकिन आज की सबसे तेज़ी से बढ़ती कंपनियाँ समझ चुकी हैं कि इनोवेशन को एक व्यवस्थित प्रक्रिया में बदला जा सकता है। यही काम सॉल्वएआई करता है — यह इनोवेशन में सटीकता, पारदर्शिता और रफ़्तार लाता है। आज भी सिर्फ़ 35% इनोवेशन प्रोजेक्ट ही पूरी तरह आगे बढ़ पाते हैं, क्योंकि उनमें इंसानी पक्षपात और असमानता की वजह से रुकावटें आती हैं। सॉल्वएआई इन बाधाओं को दूर करता है और सिर्फ़ अधिकारियों को नहीं बल्कि हर कर्मचारी को इनोवेशन में भाग लेने का मौका देता है। इसका नतीजा है तेज़ी से बाज़ार तक पहुँचना, कम लागत और लगातार बदलाव की संस्कृति।



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