मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप चल रहा विकसित यूपी @2047 महाभियान

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शुक्रवार 7 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रहा “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047: समृद्धि का शताब्दी पर्व महा अभियान” जनभागीदारी का प्रतीक बनता जा रहा है। 5 नवंबर तक प्रदेश के 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा भ्रमण कर विभिन्न लक्षित समूहों-छात्रों, शिक्षकों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया एवं आम नागरिकों से संवाद स्थापित किए गए। इस दौरान लोगों से प्रदेश की विकास यात्रा और भविष्य के रोडमैप पर सुझाव लिए गए। अब तक पोर्टल पर 73.97 लाख से अधिक फीडबैक प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 58,73,573 सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों और 15,24,252 सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए। इनमें से 36,51,904 सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग, 33,98,345 सुझाव 31-60 वर्ष के आयु वर्ग तथा 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से 3,47,530 सुझाव प्राप्त हुए हैं। 

इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से भी सुझाव मिले। कृषि से 19,66,896, पशुधन एवं डेयरी से 2,98,824, इंडस्ट्री से 2,77,626, आईटी व टेक्नोलॉजी- 2,08,949, पर्यटन-1,75,718, ग्रामीण विकास-14,35,728, इंफ्रास्ट्रक्चर- 66,951, संतुलित विकास-1,02,631, समाज कल्याण-5,70,109, नगरीय एवं स्वास्थ्य 5,02,697, शिक्षा क्षेत्र-16,52,116 तथा सुरक्षा सम्बंधित1,39,534 सुझाव मिले। फीडबैक में टॉप पांच जनपदों में जौनपुर (7,44,976), संभल (6,90,752), गाजीपुर (3,41,198), हरदोई (2,21,281) और प्रतापगढ़ (1,81,653) शामिल हैं। मीरजापुर के रामजीत ने हर जिले में रोजगार मेले आयोजित करने पर जोर दिया। बोले कि इससे स्थानीय कंपनियों और युवाओं के बीच सीधा संपर्क हो। छोटे उद्योगों को सरकार से आसान ऋण मिले, जिससे युवा खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें। नियमित रूप से सरकारी भर्तियां हों। कौशल विकास केंद्र बढ़ाए जाएं। हर जनपद में नए उद्योग क्षेत्र बनाए जाएं। इससे स्थानीय स्तर पर हजारों नौकरियों के अवसर बनेंगे। सरकारी योजना की जानकारी युवाओं तक पहुंचाई जाए। 

मऊ के आदर्श विश्वकर्मा का सुझाव है कि नगर विकास के अंतर्गत शहरों में स्मार्ट सिटी योजना के तहत साफ़-सफाई, परिवहन, हरित क्षेत्र, स्मार्ट लाइटिंग और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा दिया जाए। यातायात और प्रदूषण नियंत्रण के लिए मेट्रो, इलेक्ट्रिक बसें और साइकिल पथ बनाए जाएं। कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन और पुनर्चक्रण को अनिवार्य किया जाए। गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ते मकान मिलें। नई कॉलोनियों का निर्माण करते समय पार्क, अस्पताल, स्कूल और पानी की सुविधा ज़रूर हो। अनियंत्रित शहरीकरण रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं। ग्राम्य विकासः गांवों में सड़क, बिजली, पानी, इंटरनेट और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। स्वच्छ भारत मिशन और हर घर जल योजना से ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता सुधारी जाए। कृषि और छोटे उद्योगों (कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प) को बढ़ावा मिले। लखीमपुर खीरी की अर्चना शुक्ला के अनुसार स्कूली बच्चों को उभरती हुई प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूक करने,  शिक्षक गेमीफाइड लर्निंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल फील्ड ट्रिप जैसे इंटरैक्टिव टूल को एकीकृत कर सकते हैं। ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्रदान कर सकते हैं। अवधारणाओं को समझाने के लिए डिजिटल सामग्री बना सकते हैं और उन्हें ऑनलाइन गोपनीयता और सुरक्षा के बारे में सीखा सकते हैं। डिजाइन चिंतन और समस्या समाधान गतिविधियों को शामिल करने से आलोचनात्मक चिंतन कौशल को भी बढ़ावा मिल सकता है, जिससे छात्रों को नवाचार के लिए उपकरण के रूप में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की अनुमति मिलती है।

आमजन को जागरूक करने एवं सहभागी बनाने के लिए नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न विशेष बैठकें, सम्मेलन एवं गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। यूपी के समस्त नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत में विशेष बैठकें एवं सम्मेलन/गोष्ठियां आयोजित किये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त अभी तक 65 जिला पंचायतों में सम्मेलन/गोष्ठियों,  62 जिला पंचायतों में विशेष बैठकें,  815 क्षेत्र पंचायतों में सम्मेलन/गोष्ठियों और 821 क्षेत्र पंचायतों में विशेष बैठकें सम्पन्न हुई हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश की 51,828 ग्राम पंचायतों के स्तर पर भी विशेष बैठकों का सफल आयोजन किया गया है। इनके माध्यम से नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागों के बीच संवाद-सम्पर्क को और अधिक सशक्त किया गया है।

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