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मॉन्डेलीज़ इंडिया और सेंट जूड्स की साझेदारी से कैंसर पीड़ित बच्चों को मिला नया सहारा

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शब्दवाणी सम्माचार टीवी , शनिवार 13 सितम्बर 2025 ( प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली।  मॉन्डेलीज़ इंडिया ने सेंट जूड इंडिया चाइल्डकेयर सेंटर के साथ साझेदारी करते हुए नवी मुंबई स्थित एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर, टाटा मेमोरियल सेंटर में दो नए रेज़िडेंशियल यूनिट्स का उद्घाटन किया है। ये यूनिट्स एक साथ 24 परिवारों को सुरक्षित और निःशुल्क आवास के साथ सम्पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। यहां ठहरने वाले परिवारों को केवल रहने की जगह ही नहीं, बल्कि बच्चों के इलाज के दौरान पोषण, काउंसलिंग, शिक्षा और अस्पताल तक आने-जाने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। हर साल देशभर से हज़ारों परिवार अपने बच्चों का कैंसर इलाज कराने के लिए मुंबई आते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित परिवारों के लिए लंबे समय तक सुरक्षित और सस्ती आवास सुविधा पाना बेहद मुश्किल होता है। इस कारण कई बार परिवार इलाज बीच में ही छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं, जबकि समय पर और पूरा इलाज मिलने पर बच्चों का कैंसर अधिकतर मामलों में ठीक किया जा सकता है। असुरक्षित और अस्वच्छ माहौल बच्चों को ग...

लाइव टाइम्स एक्सचेंज मिशन दिल्ली @2047 पर परिवर्तन की दिशा तय

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शब्दवाणी सम्माचार टीवी , शनिवार 13 सितम्बर 2025 ( प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली।  भारत का पहला ग्लोबल मल्टीकास्ट न्यूज़ हब लाइव टाइम्स ने 10 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के ताज पैलेस में अपने प्रमुख सम्मेलन लाइव टाइम्स एक्सचेंज का सफल आयोजन किया। मिशन दिल्ली @2047 भारत की राजधानी का पुनर्निर्माण’ थीम पर केंद्रित इस सम्मेलन में देश के प्रभावशाली नेता, नीति निर्माता और चिंतक एक साथ आए और इस बात पर विचार-विमर्श किया कि किस प्रकार भारत की विकास दृष्टि 2047 के अनुरूप दिल्ली को एक वैश्विक और नागरिक-केन्द्रित राजधानी के रूप में बदला जा सकता है। इस महत्वपूर्ण आयोजन में दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद संजय सिंह (आप), सांसद मनोज तिवारी (भाजपा), दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा, आशीष सूद, आप दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज, कांग्रेस दिल्ली अध्यक्ष देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता अलका लांबा, दिल्ली के मेयर राजा इक़बाल सिंह, मंत्री परवेश वर्मा, जेएनयू की कुलपति प्रो. संतीश्री धुलीपुड़ी, एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एम.सी. मिश्रा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के ज...

लाल ईंट निर्माता ईंटों पर जीएसटी दर न घटाए जाने से नाराज़, करेंगे विरोध प्रदर्शन

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शब्दवाणी सम्माचार टीवी , शनिवार 13 सितम्बर 2025 ( प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली।  मनुष्य के जीवन में मुख्य आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान है। हर व्यक्ति अपने जीवन में अपने लिये व अपने परिवार के लिये सपनों का घर बनाना चाहता है। जिसके लिये आदि काल से लाल ईंट से टिकाऊ और कम लागत में घर बनते चले आये हैं। वर्ष 2017 में जीएसटी काउंसिल द्वारा लाल ईंट निर्माताओं पर लागू कम्पोजीशन स्कीम को मार्च 2022 में समाप्त करके 01% के स्थान पर 06% तथा आईटीसी लेने पर 05% के स्थान पर 12% कर दर लागू कर दी गई। अखिल भारतीय ईंट व टाइल निर्माता महासंघ ने आज प्रेस वार्ता कर कहा कि ईंट उद्योग पर 12% जीएसटी दर लागू रहने और कोयले पर कर 18% किए जाने से यह उद्योग गहरे संकट में है। महासंघ का कहना है कि जब तक सरकार कर दरों में राहत नहीं देती, तब तक आम नागरिक का अपना घर बनाने का सपना और महंगा होता जाएगा। इसी नाराज़गी के चलते ईंट निर्माता बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। महासंघ ने बताया कि कम्पोजीशन स्कीम खत्म होने के बाद से ईंट उद्योग लगातार कर दरों में कमी की...

दिल्ली नगर निगम के टेंडर शर्तों पर विवाद जिससे राजस्व के नुकसान का खतरा

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  शब्दवाणी सम्माचार टीवी , शनिवार 13 सितम्बर 2025 ( प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली।  दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा टोल और एनवायरनमेंट कम्पेनसेशन चार्ज (ECC) वसूली के लिए निकाले गए नए टेंडर की शर्तों ने फिर विवाद खड़ा कर दिया है। इस बार टेंडर में कंपनियों से कम से कम 122 लेन वाले एकल प्रोजेक्ट का लगातार 2 साल का संचालन अनुभव मांगा गया है। समस्या यह है कि देशभर में बहुत कम कंपनियां इस शर्त को पूरा करती हैं। नतीजतन, सिर्फ 2-3 बड़ी कंपनियां ही पात्र होंगी।जानकारों का कहना है कि भारत में ज्यादातर टोल कॉन्ट्रैक्ट्स छोटे समयावधि (3 महीने से 1 साल) के लिए दिए जाते हैं। बहुत ही कम मामलों में 2 साल या उससे ज्यादा का अनुभव कंपनियों के पास होता है। इसके अलावा, 122 लेन वाले बड़े प्रोजेक्ट्स भी गिने-चुने ही हैं। उदाहरण के लिए, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (141 लेन), वेस्टर्न पेरिफेरल (136 लेन) या आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (165 लेन)। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स की संख्या बेहद सीमित है। यानी इस बार की शर्तों से केवल वही कंपनियां दौड़ में रहेंगी जिनके पास इतना बड़ा अनुभ...