संदेश

दिसंबर 7, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जश्न-ए-रेख्ता 2025 का दूसरा दिन-उर्दू भाषा, कविता और अदबी फनून का शानदार उत्सव

चित्र
शब्दवाणी सम्माचार टीवी , सोमवार 8 दिसंबर 2025 ( प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली।  जश्न-ए-रेख्ता 2025 के दूसरे दिन का आगाज़ उर्दू की तहज़ीबी रौशनी और अदबी विरासत के दिलकश अंदाज़ में हुआ। हजारों शायरी-प्रेमियों और अदब के चाहने वालों ने इस दिन में शामिल नाटकों, मुशायरों, संगीत और साहित्यिक बातचीत का भरपूर लुत्फ़ उठाया। यह दिन एक बार फिर साबित कर गया कि जश्न-ए-रेख्ता दुनिया का सबसे बड़ा उर्दू उत्सव है जो भाषा और अभिव्यक्ति की खूबसूरती को अद्वितीय अंदाज़ में पेश करता है। दिन की शुरुआत एक मार्मिक नाटकीय प्रस्तुति हुए मर के हम जो रुसवा से हुई। यह नाटक महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के आख़िरी दिन की दास्तान को पेश करता है जिसे शेखर सुमन ने बेहतरीन अंदाज़ में निभाया। इसी दौरान सुखन-ज़ार में एक रेख्ता नशिस्त आयोजित हुई। उसके बाद बज़्म-ए-ख़याल के तहत “रस्म-उल-ख़त का मसअला” विषय पर एक रोचक चर्चा हुई, जिसमें उर्दू, देवनागरी और रोमन लिपि की चुनौतियों पर बात हुई। शायरी के चाहने वालों को दोपहर में एक यादगार रेख्ता मुशायरा नसीब हुआ। जिसमें वसीम बरेलवी, जावेद अख्तर, विजें...