ज़ेन्ज़ो ने दिल्ली एनसीआर में 671 एम्बुलेंसों के साथ सबसे बड़े एम्बुलेंस नेटवर्क का किया लॉन्च

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, वीरवार 24 अप्रैल 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। ज़ेन्ज़ो भारत में आपातकालीन स्थिति में सेवाएँ उपलब्ध कराने में सबसे आगे है, जिसने आज नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 'दिल्ली को आपात स्थिति के लिए तैयार करने' के लिए एक संगोष्ठी आयोजित की। इस अवसर पर, जेन्ज़ों ने आपात स्थिति में सहायता के लिए 450 शहरों में 25,000 से अधिक एम्बुलेंस और दिल्ली एनसीआर में 671 एम्बुलेंस का सबसे बड़ा नेटवर्क लॉन्च करके तुरंत एवं कारगर आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराने के अपने संकल्प को उजागर किया। इस नेटवर्क में बुनियादी सुविधाओं के अलावा दिल की बीमारी के लिए आवश्यक नेवाओं तथा हर समय मरीज की निगरानी के लिए 5G तकनीक से सुसज्जित एम्बुलेंस शामिल हैं। सहायक चिकित्साकर्मी इन सुविधाओं की मदद से मरीज की महत्वपूर्ण जानकारी को अस्पतालों के साथ तुरंत साझा कर सकते हैं और अम्पताल पहुंचते से पहले की देखभाल को बेहतर बना सकते हैं।

श्री शशांक जायसवाल, आईपीएस, पुलिस उपायुक्त, यातायात मुख्यालय एवं बीवीआईपी रूट, दिल्ली पुलिस, ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर अपनी मौजूदगी से संवाददाता सम्मेलन की शोभा बढ़ाई, जहाँ उन्होंने इस बात पर बल दिया कि नागरिक आपातकालीन स्थितियों के लिए पहले से तैयार रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने 21 और 22 अप्रैल, 2025 को चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा लगभग 100 से अधिक दिल्ली ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को प्राथमिक चिकित्सा एवं सीपीआर में प्रशिक्षण देने में ज़ेन्ज़ो के योगदान की जमकर तारीफ की। इस तरह के प्रशिक्षणों से जाहिर होता है कि जेन्ज़ो की सोच का दायरा काफी बड़ा है, क्योंकि यह ऐसे लोगों को सक्षम बताता है जो शायद आपात स्थिति को सबसे पहले देखते हैं या ऐसे हालात को संभाल सकते हैं। जेन्ज़ों ने ट्रैफ़िक पुलिसः को आपात स्थिति में लोगों की जान बचाने का कौशल सिखाकर दिल्ली की सड़कों और उससे परे तुरंत सहायता करने की संस्कृति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। जेन्ज़ो ने पुलिस बल के साथ मिलकर काम करने के अलावा, गैर-सरकारी संगठनों, खाद्य वितरण साझेदारों, कैव चालकों, कॉर्पोरेट्स और अस्पतालों के साथ साझेदारी करके लोगों को आपात स्थिति के लिए तैयार बनाने की अपनी पहलों का विस्तार करना जारी रखता है, ताकि आपातकालीन सहायता के लिए सभी की भागीदारी वाले इकोसिस्टम का निर्माण किया जा सके।

ज़ेन्ज़ो की सह-संस्थापक एवं सीईओ, सुश्री श्वेता मंगल ने इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के साथ यह साझेदारी जेत्तों के लिए गौरव की बात है। अपने इस साझा मिशन में हम यातायात कर्मियों को प्राथमिक उपचार एवं सीपीआर का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ चिकित्सा की जरूरत बात्ती आपात स्थितियों में लोगों की सेवा के लिए दिल्ली-एनसीआर में 671 एकीकृत एम्बुलेंसों का नेटवर्क शुरू करके दिल्ली को आपात स्थिति के लिए तैयार बना रहे हैं। उन्होंने आगे कहा जेन्ज़ों में हमारा मिशन आपात स्थिति में चिकित्सा की जरूरत के लिए टेक्रोलॉजी पर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्बर बनाकर 'भारत को आपात स्थिति के लिए तैयार करना' है। हमने हर कसौटी पर खरा उतरने वाले एम्बुलेंस और अत्याधुनिक तकनीक वाले नेटवर्क के साथ आपात सेवाएं उपलब्ध कराने के समय को कम करने और समुदायों को सक्षम बताने का लक्ष्य रखा है। मुंबई में अपनी सेवाओं के सफलतापूर्वक शुभारंभ के बाद, दिल्ली में सेवाओं का विस्तार करना आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने और जमीन से जुड़ी संस्थानों के साथ सहयोग करने की दिना में एक बहा कदम है। हम आपात स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण समय, यानी जिस वक्त तुरंत कार्रवाई से लोगों की जान बचाई जा सकती है, पर विशेष ध्यान देते हैं। इसके लिए हम प्राथमिक उपचार देने वाली और विशेषज्ञ चिकित्सकों के बीच तुरंत संपर्क की व्यवस्था करते हैं। हम सुनियोजित तरीके में माझेदारी के जरिये मृत्यु दर को कम करने और परिणामों को बेहतर बनाने के लिए तेज़, अधिक कुशल और आसानी से उपलब्ध आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था कर रहे हैं।"

श्री शशांक जायसवाल, आईपीएस, पुलिस उपायुक्त, यातायात मुख्यालय एवं बीवीआईपी रुट, दिल्ली पुलिस, में कहा हमें ज़ेन्ज़ों के साथ मिलकर 'दिल्ली को आपात स्थिति के लिए तैयार करने' के उनके मिशन का हिस्सा बनने पर गर्व है। इस साझेदारी के तहत, हमने ट्रैफिक कर्मियों को प्राथमिक उपचार और सीपीआर में प्रशिक्षण देकर जमीनी स्तर पर सबसे पहले प्राथमिक उपचार देने वालों को लोगों की जान बचाने के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा है। यह सहयोग नहर की तैयारी को बेहतर बनाएगा और हमें ऐसे मौकों पर सही समय पर चिकित्सा सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी, जब एक एक पल कीमती होता है। जेन्ज़ो की पहल का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में आपात सेवाओं की उपलब्धता के समय और मरीज के परिणामों पर असर डालने वाली गंभीर समस्याओं को दूर करना है। साल 2024 में दिल्ली में 5,834 सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गई, जिसकी वजह से 1,457 लोगों को जान गंवानी पड़ी और इस वजह से यह भारत में दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा प्रभावित शहर बन गया। अस्पताल पहुंचने में देरी और ट्रैफिक की भीड़ की वजह से आपात स्थिति में तुरंत मेवाएं उपलब्ध कराने का समय और खराब हो जाता है। भारत में हर साल 1,50,000 सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं, जिनमें से 30% मौतें सेवाएं उपलब्ध कराते में देरी के कारण होती हैं। आपात स्थिति में महायता के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए जेन्ज़ों के 'मेकिंग इंडिया इमरजेंसी रेडी' कैंपेन जैसी पहलों की जरूरत है।

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