कपिलोपाख्यान और ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शुक्रवार 1 मई 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), गौतमबुध नगर। सेक्टर 82 स्थित प्राचीन तपोभूमि ब्रम्हचारी कुटी में  आयोजित श्रीमद्भागवत कथा एवं श्री विष्णु महायज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास आचार्य अमित दीक्षित ने कपिलोपाख्यान के उपरांत ध्रुव चरित्र का रोचक वर्णन किया। मनु और शतरूपा के दो पुत्र हुए और तीन पुत्रियां। पुत्रों के नाम प्रियव्रत और उत्तानपाद। राजा उत्तानपाद की दो रानियां हैं एक का नाम सुरुचि और दूसरी का नाम सुनीति है। राजा सुरुचि को अधिक प्यार करते हैं जिनके पुत्र का नाम उत्तम है और सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव है। बालक ध्रुव एक बार पिता की गोद में बैठने की जिद करने लगता है लेकिन सुरुचि उसे पिता की गोद में बैठने नहीं देती है। ध्रुव रोता हुआ मां सुनीति को सारी बात बताता है , मां की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह ध्रुव को भगवान की शरण में जाने को कहती हैं। पांच वर्ष का बालक ध्रुव राज्य छोड़कर वन में तपस्या के लिए चला जाता है। नारद जी रास्ते में मिलते हैं और ध्रुव को समझाते हैं कि मैं तुम्हें पिता की गोद में बैठाउँगा लेकिन ध्रुव ने कहा कि पिता की नहीं अब परम पिता की गोद में बैठना है। कठिन तपस्या से भगवान प्रसन्न हो वरदान देते हैं । आयोजन समिति के सदस्य राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 1 मई को वामन अवतार, राम जन्म, कृष्ण जन्म आदि कथाओं का वर्णन किया जाएगा। इस अवसर पर महंत ओम भारती जी महाराज, फलाहारी महाराज, विकास भारती जी, यज्ञाचार्य मनोहर दीक्षित, अशोक कुमार, परदेशी, गोपेश पांडेय सहित तमाम भगवत्प्रेमी भक्त मौजूद रहे।

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