शिव नाडर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने 2025 रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री होराइजन पुरस्कार जीता

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 28 जून 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), गौतमबुद्ध नगर। दिल्ली-एनसीआर के शिव नाडर विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज के प्रोफेसर सुभब्रत सेन और उनकी टीम को रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (RSC) की ओर से प्रतिष्ठित 2025 होराइजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार वैकल्पिक-इलेक्ट्रोड इलेक्ट्रोलिसिस (AEE) और ऑर्गेनिक संश्लेषण में परिवर्तनकारी एप्लिकेशन विकसित करने में महत्वपूर्ण कार्य को मान्यता देता है। साल 2020 मे इस पुरस्कार की स्थापना के बाद से यह मान्यता और पुरस्कार हासिल करने वाली यह भारत की पहली टीम बन गई है। RSC के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक, होराइजन पुरस्कार, रसायन विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने वाली नवीन खोजों का जश्न मनाता है। प्रोफेसर सेन की टीम ने ऑर्गेनिक इलेक्ट्रोसिंथेसिस की एक नई और कारगर रणनीति तैयार की है, जिसे अल्टरनेट इलेक्ट्रोड इलेक्ट्रोलिसिस (AEE) कहा जाता है। यह एक कस्टम-निर्मित माइक्रोकंट्रोलर के माध्यम से इलेक्ट्रोड के दो जोड़े के बीच विद्युत रासायनिक प्रतिक्रियाओं को स्विच करता है, जो सटीकता के साथ कुशल विद्युत रासायनिक प्रतिक्रियाओं को सक्षम बनाता है। उनकी यह खोज महत्वपूर्ण विद्युत रासायनिक प्रक्रियाओं की दक्षता को काफी सरल और बेहतर बनाता है - जिससे स्वच्छ ऊर्जा, कार्बन न्यूनीकरण और हरित विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में हरित, अधिक टिकाऊ एप्लिकेशन के लिए रास्ता आसान बनाना है।

यह सम्मान पाने पर शिव नाडर विश्वविद्यालय, दिल्ली-एनसीआर के स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज के प्रोफेसर सुभब्रत सेन ने कहा रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री से यह सम्मान मिलना गर्व का विषय है। पुरस्कार से भी अधिक, यह क्षण वैज्ञानिक जिज्ञासा, दृढ़ता और खोज का उत्सव है। यह स्थायी रसायन विज्ञान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है और अंतःविषय सहयोग की शक्ति प्रदर्शित करता है। हमें उम्मीद है कि यह मील का पत्थर आगे की नवीनताओं और स्वच्छ एवं अधिक कुशल रासायनिक प्रौद्योगिकियों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। आने वाले समय में, प्रोफेसर सेन और उनके सहयोगी प्रयोगशाला और औद्योगिक दोनों स्तरों पर AEE को सक्षम बनाने के लिए अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रोसिंथेसिस उपकरण और सेल विकसित कर रहे हैं। इस समाधान का उद्देश्य वैश्विक अनुसंधान और विनिर्माण क्षेत्रों में AEE तकनीक का उपयोग और सरल बनाना है - एक जटिल प्रोटोटाइप को आधुनिक रसायन विज्ञान के लिए एक मानक उपकरण में बदलकर।

शिव नाडर विश्वविद्यालय, दिल्ली-एनसीआर की कुलपति प्रोफेसर अनन्या मुखर्जी ने प्रोफेसर सेन को बधाई देते हुए कहा हमें इस उल्लेखनीय वैश्विक मान्यता के लिए प्रोफेसर सेन और उनकी टीम पर बहुत गर्व है।  उनका अग्रणी कार्य नया खोजने और उत्कृष्टता की भावना का उदाहरण है जो शिव नाडर विश्वविद्यालय में रिसर्च को आगे बढ़ाता है। रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री से मिला यह सम्मान हमारे पूरे समुदाय को ऐसे विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करता है और अधिक टिकाऊ भविष्य बनाने में भी योगदान देता है। हमें उम्मीद है कि हम इस विश्वविद्यालय को प्रतिभा का उद्घम स्थल बनाएंगे, जो अनुसंधान में सफलता के नए मानक स्थापित करेगा। यह उपलब्धि शिव नाडर विश्वविद्यालय, दिल्ली-एनसीआर की विश्व स्तरीय अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है, जो टिकाऊ रसायन विज्ञान और हरित नवाचार में कुछ हत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का हल करती है।

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