कायस्थ समाज का विश्व कायस्थ सम्मेलन 2025 नई दिल्ली में होगा

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, रविवार 28 सितम्बर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (पंजीकृत 2150, नई दिल्ली) और चित्रांश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (सीसीसीआई) ने आज घोषणा की कि विश्व कायस्थ सम्मेलन 2025 का आयोजन 23-24 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा। सम्मेलन की घोषणा करते हुए राष्ट्रीय चेयरमैन डॉ. अभिषेक वर्मा ने कहा कि यह यम द्वितीया (भाई दूज) के शुभ अवसर पर होगा, जिसे परंपरागत रूप से भगवान चित्रगुप्त की पूजा के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन कायस्थ समुदाय के लिए एकजुट होने और अपनी ताकत प्रदर्शित करने का एक ऐतिहासिक अवसर होगा। कायस्थ समुदाय की उत्पत्ति भगवान चित्रगुप्त से मानी जाती है, जिन्हें यमराज के खाताधारक के रूप में पूजा जाता है, जो मानव कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। सदियों से, कायस्थों ने प्रशासन, कूटनीति, शिक्षा, साहित्य और शासन में केंद्रीय भूमिका निभाई है—प्राचीन भारत के शाही दरबारों से लेकर आधुनिक नौकरशाही और न्यायपालिका तक। हालांकि इसे उच्च जातियों में वर्गीकृत किया गया है, कई विद्वानों का मानना है कि समुदाय की अद्वितीय पहचान और भूमिका इसे एक स्वतंत्र वर्ण के रूप में स्थापित करती है, जिसकी परंपरा ज्ञान और शासन में निहित है।

डॉ. वर्मा ने भारत के अनुमानित 12 करोड़ कायस्थों से एकजुट होने, एकता प्रदर्शित करने और एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व सामाजिक शक्ति के रूप में उभरने का आह्वान किया, ताकि 2047, स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत को ‘विश्व गुरु’ (विश्व नेता) के रूप में स्थापित करने में मदद मिले। सम्मेलन में कायस्थ समुदाय के प्रमुख व्यक्तित्वों, जैसे स्वामी विवेकानंद, खुदीराम बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण, श्रीकांत वर्मा, प्रेमचंद, हरिवंश राय बच्चन, गोपालदास नीरज, बिजू पटनायक और ज्योति बसु और अन्य विभूतियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। बालासाहेब ठाकरे को 1966 में शिवसेना की स्थापना के माध्यम से भारतीय राजनीति में उनके परिवर्तनकारी योगदान के लिए विशेष श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। डॉ. वर्मा ने अपने पिता, प्रसिद्ध कवि और सांसद स्वर्गीय श्रीकांत वर्मा की स्मृति में ‘श्रीकांत वर्मा सम्मान’ की स्थापना की घोषणा की। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा, जिसमें हिंदी साहित्य के लिए ₹ 21 लाख—हिंदी साहित्य में सर्वोच्च पुरस्कार—पत्रकारिता के लिए ₹ 5 लाख, और कला व प्रदर्शन कला के लिए ₹ 2 लाख प्रत्येक शामिल होंगे। आगामी सम्मेलन के विवरण साझा करते हुए, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनीष श्रीवास्तव ने कहा इस दो दिवसीय आयोजन में 25,000 से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है और इसमें राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा, वैवाहिक सम्मेलन, मेगा जॉब फेयर, और व्यवसाय व राजनीतिक कार्यशालाएं शामिल होंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में स्वामी विवेकानंद की 111 फीट और भगवान चित्रगुप्त की 81 फीट की मूर्ति स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की। विश्व कायस्थ सम्मेलन 2025 को न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह सामाजिक एकता, राजनीतिक जागरूकता और कायस्थ समुदाय के भीतर नए नेतृत्व की शुरुआत के रूप में भी माना जा रहा है। ज्ञान और शासन के साथ अपने ऐतिहासिक जुड़ाव के साथ, समुदाय को एक संगठित शक्ति के रूप में उभरने और 2047 तक भारत के वैश्विक नेता के रूप में उभरने में योगदान देने का आह्वान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कवि विष्णु सक्सेना (अध्यक्ष, साहित्यिक प्रकोष्ठ), राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एडवोकेट सुनील निगम, राष्ट्रीय महासचिव मनोज श्रीवास्तव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विवेक कुलश्रेष्ठ, राष्ट्रीय कार्यकारी महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष निशी कुलश्रेष्ठ और संगठन के अन्य वरिष्ठ सदस्य  उपस्थित थे।

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