फोर्टिस गुरुग्राम ने उत्तर भारत में पहली एमआर-लिनैक की मदद से कैंसर के उपचार किया
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, रविवार 28 सितम्बर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), गुरुग्राम। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफएमआरआई), गुरुग्राम ने आज इलेक्टा यूनिटी एमआर लिनैक सिस्टम उपलब्ध कराने की पहली वर्षगांठ मनायी। यह उत्तर भारत का पहला और देश में दूसरा एमआर लिनैक सिस्टमहै। सितंबर 2024 में लॉन्च, यह शानदार प्लेटफार्म रियल-टाइम 1.5Tएमआरआई इमेजिंग का मेल एडवांस रेडिएशन डिलीवरी से कराते हुए, प्रिसीजन (सटीक) ओंकोलॉजी के क्षेत्र में नए मानक रच रहा है। इस उपलब्धि के साथ ही, एफएमआरआई ने एशिया में उन चुनींदा अस्पताल समूहों (जिनमें जापान, हांगकांग और थाइलैंड के केंद्र भी शामिल हैं) के बीच अपनी साख को काफी मजबूत बना लिया है जो एमआर-निर्देशित रेडियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। यह टेक्नोलॉजीडॉक्टरों को एक ही समय में ट्यूमर की जांच करने के साथ-साथ उसका उपचार करने में भी मदद करती है, और इस प्रकार उन अंगों के मामले में भी सटीकता सुनिश्चित करती है जो सांस लेने या पाचन प्रक्रिया के चलते हिलते-डुलते रहते हैं। इंस्टॉलेशन के बाद से अब तक, एफएमआरआई में एमआर लिनैक की मदद से, प्रोस्टेट, लिवर, पैंक्रियाटिक, और अन्य कई प्रकार के गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल ट्यूमर समेत कई जटिल किस्म के कैंसर रोगों से ग्रस्त 187 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।
एक मामले में श्री धर्मेंद्र सिंह वर्मा (उम्र 59 वर्ष) को हाइ-रिस्क प्रोस्टेट कैंसर के अलावा अत्यधिक मोटापे (वजन 140 किलोग्राम) से ग्रस्त पाया गया था। उन्हें हार्मोन थेरेपी के बाद प्रोस्टेट, सेमीनल वेसिकल्स और पेल्विस नोड्स पर एमआर लिनैक-निर्देशित रेडिएशन दिया गया। उन्होंने न सिर्फ बहुत सही तरीके से इस उपचार को सहन किया (उन्हें पेशाब संबंधी काफी कम तकलीफ हुई) बल्कि उन्हें किसी प्रकार का रेक्टल या बाउल साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ। करीब 140 किलोग्राम वज़न के मरीज को रेडिएशन देना काफी चुनौतीपूर्ण था लेकिन एमआर लिनैक ने अत्यधिक सटीक तरीके से रेडिएशन थेरेपी दी। तीन महीने के भीतर ही, मरीज का पीएसए लेवल 14.8 से घटकर मात्र 0.01 रह गया, जिससे यह पता चला कि उनका कैंसर अब काफी नियंत्रित है। एक अन्य मामले में, मरीज डॉ नरेंद्र पाल सिंह (उम्र 60 वर्ष) को पेरीएंप्युलरी कार्सिनोमा और साथ में लिवर मेटास्टेटिस डायग्नॉज़ किया गया था। श्री सिंह को कीमोथेरेपी के पहले छह चक्र पूरे दिए जा चुके थे। इसके बाद उन्हें एमआर लिनैक पर एमआर-निर्देशित स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी (एसबीआरटी) दिया गया, जिसे केवल एक सप्ताह में पूरा कर लिया गया। तीन महीने बाद, मरीज के PETस्कैन से पता चला कि उन्होंने बेहतरीन रिस्पॉन्स दिखाया और उनके पेरीएंप्युलरी ट्यूमर और लिवर के कैंसर घाव गायब होने लगे हैं, और उन्हें किसी प्रकार के साइड इफेक्ट्स भी नहीं झेलने पड़े। श्री राजीव कुमार अग्रवाल (उम्र 64 वर्ष) को रूटीन चेकअप के दौरान लोकलाइज़्ड प्रोस्टेट कैंसर का पता चला और इसके बाद उनका एमआर लिनैक-निर्देशित रेडिएशन से इलाज किया गया जिसे मात्र एक सप्ताह (5 फ्रैक्शंस) में पूरा कर लिया गया। उन्होंने इस उपचार पर काफी अच्छा रिस्पॉन्स दिया और बिना किसी यूरीनरी या बाउल साइड इफेक्ट (पेशाब अथवा मल-त्याग संबंधी) के सुगम तरीके से स्वास्थ्यलाभ किया।
डॉ ए के आनंद, सीनियर डायरेक्टर एंड हैड, रेडिएशन ओंकोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल गुड़गांव ने कहा एमआर लिनैक क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी है। यह रियल टाइम में ट्यूमर्स को देख पाती है और उसके हिसाब से सटीकतापूर्वक उपचार सुनिश्चित करती है जो कि मौजूदा पारंपरिक रेडिएशन में कल्पना से भी परे था। हमारे मरीज अब तेजी से रिकवर कर पाते हैं, उन्हें अपेक्षाकृत कम साइड इफेक्ट्स महसूस होते हैं और वे लंबे समय तक बेहतर परिणामों का लाभ भी उठा पाते हैं। इस टेक्नोलॉजी ने न सिर्फ फोर्टिस गुड़गांव के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए कैंसर केयर के मानकों को नए सिरे से परिभाषित किया है।
यश रावत, वाइस प्रेसीडेंट एंड फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस मेमोरियल, गुड़गांव ने कहा पिछले साल एमआर लिनैक की पेशकश के साथ ही उत्तर भारत में कैंसर केयर के नए युग की शुरूआत हुई। और बीते एक साल के दौरान, 187 मरीजों का सफल उपचार किया जा चुका है, हमने न सिर्फ अपने वायदे को पूरा कर दिखाया बल्कि प्रिसीजन ओंकोलॉजी के क्षेत्र में नए मानक भी रचे हैं। उत्तर भारत में इस टेक्नोलॉजी से सुसज्जित होने के चलते एफएमआरआई कैंसर केयर के मामले में एशिया के अग्रणी संस्थानों में शामिल हो चुका है। इस उपलब्धि ने ग्लोबल इनोवेशंस को भारतीय मरीजों के लिए जल्द से जल्द उपलब्ध कराते हुए उन्हें सर्वाधिक उन्नत तथा व्यापक बदलाव लाने वाले थेरेपी का लाभ दिलाने की हमारी प्रतिबद्धता को साबित कर दिखाया है।
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