फिल्म समीक्षा : 2020 दिल्ली

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, वीरवार 13 नवंबर 2025, फिल्म समीक्षक : रेहाना परवीन, (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। फिल्म 2020 दिल्ली जो सिनेमाघरों में 14 नवंबर 2025 को प्रदर्शित होने वाली फिल्म है। फिल्म 2020 दिल्ली बुधवार को विशेष प्रेस शो डिलाइट डायमंड में मुझे देखने का अवसर मिला। फिल्म 2020 दिल्ली में बृजेन्द्र काला, समर जय सिंह, भूपेश सिंह, सिद्धार्थ भारद्वाज, देवेंद्र मालवीय, चेतन शर्मा, आकाशदीप अरोड़ा, दीक्षा अस्थाना, विक्की यादव, इत्यादि मुख्य कलाकार हैं। फिल्म 2020 दिल्ली को देवेंद्र मालवीय द्वारा निर्देशित और नंदकिशोर मालवीय, आशु मालवीय और अमित मालवीय द्वारा निर्मित यह फिल्म मिडास टच फिल्म्स के बैनर तले बनी है। फिल्म को सेंसर बोर्ड से सामान्य सार्वजनिक प्रदर्शन प्रमाणपत्र मिला है जिसका मतलब है कि इसे सभी लोग देख सकते हैं। और फिल्म की अवधि लगभग 135 मिनट है। फिल्म 2020 दिल्ली 2025 में बनी भारतीय हिंदी भाषा की दिल्ली दंगों से प्रेरित फिल्म है। फिल्म की कहानी 2020 में दिल्ली के सीलमपुर, जाफराबाद, चांदबाग, इत्यादि क्षेत्रों में बनाम हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए थे। मेरा मानना है फिल्म 2020 दिल्ली के उस दंगे से कोई लेना देना नहीं है ना ही यह फिल्म उस दंगे के बारे में कुछ बताती है यह फिल्म केवल उस दंगे का उदाहरण लिया है। फिल्म के लेखक और निर्माता ने सिर्फ यह दर्शाने की कोशिश की है कोई भी दंगा किसी भी धर्म या जाति को लाभ नहीं बल्कि नुक्सान पहुंचाती है।  दंगे का लाभ केवल दंगा कराने वाले कुछ लोगों को होता है और उनका कोई धर्म या जाति नहीं होता उनके हिसाब से किसी भी धर्म या जाति के कितने लोग मरते हैं बस उसकी गिनती और उसका लाभ चाहिए होता है। फिल्म 2020 दिल्ली इंडिया की पहली सिंगल-शॉट हिंदी फीचर फिल्म है इस फिल्म की कहानी लोगों को दिल्ली के दंगों, तनाव, राजनीतिक साजिशों में फंसे उन आम लोगों की कहानी सुनाएगी जिन्होंने उन हालातों में काफी संघर्ष किया है इस कहानी के जरिए आपको पता चलेगा कि कैसे शाहीनबाग से शुरू हुआ CAA विरोध नमस्ते ट्रम्प तक पहुंच गया। 24 फरवरी 2020 को हुई इस घटना में करीब 53 लोगों की जान चली गई थी। पूरी फिल्म इसी पर आगे बढ़ती है फिल्म को देखने का मजा खराब ना हो इसलिए इस फिल्म की पूरी कहानी आपको नहीं बता रही हूँ। फिल्म को आप अपने परिवार व् दोस्तों के साथ सिनेमाघरों में जाकर बडे पर्दे पर देखकर कुछ समझने को मिलेगा। मैँ फिल्म को पांच में से साढ़े तीन स्टार देती हूँ। पर दंगा कैसे होता है और उसका लाभ किसको मिलता है यह समझने के लिए स्टार का कोई मतलब नहीं है दर्शक चाहें तो इसे पांच में से पांच स्टार समझकर भी देखा जा सकता है। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया से निलंबित पूर्व अध्यक्ष एस.कुमार ने गैर कानूनी तरिके से किया सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया का विस्तार, जल्द होगी कानूनी कार्यवाही