महिला उद्यमिता दिवस पर जानिए भारत की सबसे प्रेरक महिला स्टार्टअप फाउंडर्स की कहानियाँ
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, वीरवार 20 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। हर साल 19 नवंबर को Women’s Entrepreneurship Day मनाया जाता है। यह दिन उन महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए है, जिन्होंने अपनी मेहनत, पहचान और आत्म-विश्वास के दम पर स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखा है। यह एक वैश्विक पहल है, जिसे Women’s Entrepreneurship Development Organization (WEDO) ने शुरू किया था, और अब यह 144 से अधिक देशों में अपनाया जा चुका है। इस दिन की शुरुआत इसलिए की गई कि उन बाधाओं को उजागर किया जाए, जो महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने में अक्सर रोका करती हैं जैसे शिक्षा की कमी, पारंपरिक सोच, पूंजी की समस्या और मार्गदर्शन की कमी। आज हम आपको कुछ ऐसी प्रेरणादायक महिला उद्यमियों से मिलवाते हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपना स्टार्टअप शुरू किया, बल्कि उसे बड़ी ऊँचाइयों तक पहुंचाया और देश की अर्थव्यवस्था में सार्थक योगदान दिया।
सारिका शेट्टी – RentenPe
मुंबई की सारिका ने अपने निजी अनुभवों से यह सवाल उठाया कि किरायेदारों के किराए के भुगतान को तकनीक से बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। इसी सोच से उन्होंने RentenPe लॉन्च किया। ऐप के ज़रिए किरायेदार UPI, कार्ड या डिजिटल मोड से किराया चुका सकते हैं, और उन्हें कैशबैक व ऑफर मिलते हैं। उनका बनाया हुआ R Score™ भविष्य में लोन लेने में मदद करता है। मकान मालिकों को वेरिफाइड टेनेंट मिलते हैं और पेमेंट रिकॉर्ड भी आसान बनता है। स्टार्टअप अब टियर-1 और टियर-2 शहरों के साथ UAE जैसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भी विस्तार की योजना बना रहा है।
दिशी सोमानी – Dishis Designer Jewellery
दिल्ली की दिशी सोमानी ने अपनी शिक्षा (ज्वेलरी डिज़ाइन + MBA) को मिलाकर Dishis Designer Jewellery शुरू किया। सिर्फ ₹5,000 से शुरू हुआ यह बिज़नेस आज 75 लाख रुपये से अधिक का वार्षिक टर्नओवर कर रहा है।उनकी जूलरी अब Flipkart, Snapdeal, PC Jeweller सहित कई ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है।
सौम्या कल्लुरी – Dwij
2018 में सौम्या ने Dwij की शुरुआत की, जो पुराने फैब्रिक्स (खासतौर पर डेनिम) को अपसाइकिल कर बैग और अन्य उत्पाद बनाता है। उनके B2B क्लाइंट्स में RBI, Godrej, IIM Bombay और Marico जैसी बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं। उनकी टीम में 15 दर्जी और 30-35 महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं।
रिद्धि शर्मा – BabyOrgano
रिद्धि ने 2018 में माँ बनने के बाद अपने बच्चे के लिए सुरक्षित और आयुर्वेद आधारित प्रोडक्ट्स की कमी महसूस की। इसी जरूरत ने BabyOrgano की शुरुआत का रास्ता बनाया। ₹2 लाख से शुरू हुआ यह स्टार्टअप आज 10 लाख+ ग्राहकों तक पहुंच चुका है और अभी-अभी ₹20 करोड़ फंडिंग उठाई है। उनका लक्ष्य 2027 तक 50 लाख पेरेंट्स तक पहुँचना है।
तेजस्विनी अल्लिकांती – LearnMigo
IIT बॉम्बे की अलुम्नी तेजस्विनी ने महसूस किया कि हर छात्र की सीखने की जरूरतें अलग होती हैं। इसी से जन्म हुआ LearnMigo, जो छात्रों के लिए AI और तकनीक के जरिए पर्सनलाइज्ड लर्निंग उपलब्ध कराता है। फंडिंग चुनौतियों और बाजार परिवर्तनों के बावजूद, तेजस्विनी ने सीखने के भविष्य को नया आकार देने का लक्ष्य नहीं छोड़ा। महिला उद्यमिता दिवस हमें याद दिलाता है कि हर विचार, चाहे छोटा ही क्यों न हो, बदलाव की क्षमता रखता है — खासकर जब वह किसी महिला के दृढ़ निश्चय और मेहनत से जन्म लेता है। ये कहानियाँ साबित करती हैं कि स्टार्टअप सिर्फ एक बिज़नेस नहीं, बल्कि बदलाव की शक्ति है।



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