बी आर गवई को मुख्य न्यायधीश बनाने की शपथ रोकी जाये : हिन्दू संगठन
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, बुधवार 14 मई 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के दर्जन भर हिन्दू संगठनों ने महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर उन्हे बताया कि बी आर गवई को मुख्य न्यायधीश बनाने में संविधान के अनुच्छेद 124.2 का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है। इसलिये उनको शपथ ग्रहण करने से रोका जाये। हिन्दू संगठनों ने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 124.2 के अनुसार राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे न्यायधीशों से परामर्श करने के पश्चात जिनसे वें इस विषय में परामर्श करना उचित समझते हैं सर्वोच्च नयायालय के प्रत्येक न्यायधीश की नियुक्ति करेंगें। किन्तु मुख्य न्यायधीश से भिन्न अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति में सदैव मुख्य न्यायधीश की राय ली जायेगी। हिन्दू संगठनों ने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि कि जिस मुख्य न्यायधीश को संविधान मना करता है कि वो राय नहीं देगा वो मुख्य न्यायधीश संजीव कुमार खन्ना कह रहा हे कि मेरा उत्तराधिकारी बी आर गवई है उन्हें मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया जाये। दूसरी बात राष्ट्रपति को राय देने वाले एक भी न्यायधीश का चयन राष्ट्रपति ने नहीं किया है और राय देने वाले इन न्यायधीशों में से एक भी न्यायधीश राज्यों के उच्च न्यायालय का न्यायाधीश भी नहीं है। जो अनुच्छेद 124.2 का सरासर उल्लंघन है।
ज्ञापन में हिन्दू संगठनों ने महामहिम को बताया कि जिस बी आर गवई ने डी वाइ्र चन्द्रचूड़ के साथ मिलकर रातों-रात विशेष न्यायालय का न्यायधीश बनकर तीस्ता सीतलवाड़ जैसी देशद्रोही को जमानत दी है उसको मुख्य न्यायधीश बनाया जा रहा हैं यह हमारी समझ से बाहर है।हिन्दू संगठनों ने महामहिम राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश बनाने में संविधान के अनुच्छेद 124.2 का अक्षरशं पालन करते हुए बी आर गवई की नियुक्ति पर तुरन्त रोक लगाने की कृपा करें। ज्ञापन हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा जी के नेतृत्व में दिया गया। जिसमें बम बम महाराज और संजीव कुमार तिवारी के संगठन भी शामिल हैं।
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