ओडिशा भारत की ऊर्जा दिशा तय करेगा, दिसंबर में वैश्विक ऊर्जा शिखर सम्मेलन का आयोजन
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शुक्रवार 14 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। ओडिशा सरकार के ऊर्जा विभाग ने वैश्विक ऊर्जा शिखर सम्मेलन (GELS) 2025 की घोषणा की है, जो 5-7 दिसंबर, 2025 तक पुरी, ओडिशा में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का लोगो और आधिकारिक वेबसाइट, www.gelsodisha2025.com, केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाल येसो नाइक और ओडिशा के उपमुख्यमंत्री (ऊर्जा, कृषि एवं किसान सशक्तिकरण) श्री कनक विधान सिंह देव द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय भारत को सशक्त बनाना: पर्याप्तता, संतुलन, नवाचार होगा। इस विषय के तीन आयाम पर्याप्त और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन, और ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार—भारत के ऊर्जा भविष्य को आकार देंगे।
जीईएलएस 2025 एक राष्ट्रीय मंच के रूप में कार्य करेगा जो केंद्रीय और राज्य ऊर्जा मंत्रियों, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों को भारत की साझा ऊर्जा रणनीति के लिए ठोस दिशा निर्धारित करने हेतु एक साथ लाएगा। यह सम्मेलन भारत के विभिन्न राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों और वैश्विक ऊर्जा नेताओं के बीच संवाद का एक मंच भी प्रदान करेगा। सम्मेलन में भारत की बढ़ती ऊर्जा माँग को पूरा करने, आपूर्ति की विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने, सतत विकास को बढ़ावा देने और नई तकनीकों और जटिल संसाधनों के माध्यम से ऊर्जा परिवर्तन में तेज़ी लाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। हरित हाइड्रोकार्बन, छोटे और मॉड्यूलर परमाणु संयंत्रों और दिल्ली ग्रिड की जटिल सुरक्षा जैसे अत्याधुनिक विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएँगे। यह पहल टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज (टीबीआई) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) के सहयोग से आयोजित की जा रही है। यह भारत में अपनी तरह की पहली और अनूठी पहल है। उल्लेखनीय है कि इसी तरह की पहलों ने दुनिया के अन्य क्षेत्रों में शिक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों के लिए पहले ही सकारात्मक परिणाम दिए हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री श्रीपाल येसो नाइक ने कहा ऊर्जा पर्याप्तता केवल मांग को पूरा करने के बारे में नहीं है, बल्कि विश्वसनीयता और स्थिरता सुनिश्चित करने के बारे में भी है। ओडिशा की यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सतत विकास और सहकारी संघवाद के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह सम्मेलन 2070 तक भारत के नेट ज़ीरो के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।" ओडिशा के उपमुख्यमंत्री श्री कनक विधान सिंह देव ने कहा हमें गर्व है कि ओडिशा इस स्तर के वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। जीईएलएस 2025 राज्यों के बीच आपसी सीख और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के 'राज्यों की सक्रिय भागीदारी' के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, हम इस मंच के माध्यम से वास्तविक प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं। सम्मेलन में मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और भूटान जैसे देशों के ऊर्जा मंत्री भी भाग लेंगे। इसके अलावा, भारत और विदेशों के प्रमुख थिंक-टैंक और गैरेथ वॉल्श और पाइरेनोइल (टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट) जैसे अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी भाग लेंगे। श्री सिंह देव ने यह भी कहा, "जीईएलएस 2025 केवल चर्चाओं का नहीं, बल्कि परिणामों का भी एक मंच होगा। प्रत्येक सत्र ठोस कार्य योजनाओं, रोडमैप और मापनीय लक्ष्यों के साथ समाप्त होगा।



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