जज पकड़े गये कुत्तों को उसी स्थान पर छोड़ने के कानून का पालन करें : हिन्दू संगठन

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, बुधवार 12 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली के 2 दर्जन हिन्दू संगठनों ने महमहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर कुत्तों पर किये जा रहे अत्याचार के निवारण का अनुरोध किया। ज्ञापन में हिन्दू संगठनों ने महामहिम राष्ट्रपति जी को बताया कि सामूदायिक पालतू पशु कुत्तों पर सर्वोच्च न्यायालय के जजों द्वारा महामहिम द्वारा पारित पशु जन्म नियन्त्रण कानून 2023 की जानबूझकर अवज्ञा करके अत्याचार किया जा रहा है। पशु जन्म नियन्त्रण कानून 2023 की धारा 11.3 और 11.19 सामुदायिक पालतू पशु यानि मार्ग के कुत्तों की आबादी नियन्त्रण के लिये पकड़ने के बाद उन्हें उसी स्थान और इलाके में छोड़ने का आदेश देती है। जिसकी जानबूझकर अवज्ञा करके सर्वोच्च न्यायालय के जजों ने उन्हें आश्रय स्थल में बन्दी बनाने का आदेश दिया है। जिस कानून के प्रति सत्य आस्था की शपथ ली है, उसे मानने से जजों द्वारा इंकार करना चिन्ता जनक है। ज्ञापन में हिन्दू संगठनों ने महामहिम राष्ट्रपति जी से अनुरोध किया कि सत्य आस्था की शपथ भंग करने वाले जजों को तत्काल प्रभाव से सर्वोच्च न्यायालय में काम करने से रोका जाये। ताकि देश में कानून का शासन कायम रह सके। 

 हिन्दू संगठनों ने ज्ञापन में बताया कि कुत्तों के समर्थन में सी आई ए के ऐजेन्टों और फंडखोरों द्वारा जेन जेड के नाम पर दिल्ली और देश के अनेक शहरों में जो प्रदर्शन किये जा रहे हैं। वो मोदी सरकार को गिराने की एक सोची समझी साजिश है। जिसमें सी आई ए के ऐजेन्ट नक्सली ईसाई आतंकवादियों को तत्काल जमानत देने वाले सर्वोच्च न्यायालय के जज भी शामिल हैं। ज्ञापन में महामहिम की  जानकारी में लाया गया कि भारत में हर साल सांप के काटने 58 हजार मौत हो रही हैं। भारत में हर साल 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें 1.8 लाख लोग मरते हैं और 4 लाख लोग गंभीर रूप से घायल होते है। भारत में हर साल 1 लाख कारे और 1 लाख मोटर साइकिल चोरी होती है। जबकि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की रिपार्ट के अनुसार, 2024 में केवल 54 लोगों की संदिग्ध मौतें कुत्ते के काटने से हुई। वफादार और विपत्ति में जान देने वाले कुत्तों के प्रति सर्वोच्च न्यायालय से घृणात्मक अभियान चलाया जा रहा है। ज्ञापन में इसे रोकने की मांग की गयी। वफादार और भारतीय कानून में सधाया और सामुदायिक पशु मार्ग के कुत्तों को आवारा कुत्ते कहकर बदनाम किया जा रहा है, वह हम भारतीयों के लिये निश्चिय ही चिन्ता का विषय है। हिन्दू धर्म में कुत्ते भैरव देवता की सवारी है। हर हिन्दू पहली रोटी गाय के लिये निकालता है और आखरी रोटी कुत्ते के लिये निकालता है।

हमारी एक रोटी के प्रति कुत्ते जो वफादारी दिखाते है। उनकी वह वफादारी बेशकीमती है। सर्दी हो या गर्मी कुत्ते घर के बाहर सड़क पर बैठ कर चौकीदारी करते है। हर साल लाखों कुत्ते सड़क पर चलने वाले वाहनों के नीचे अपनी जान दे रहे हैं। किन्तु वे सड़क पर बैठकर चौकीदारी करने के अपने धर्म को नहीं भूलते। हमें आने वाले संकट से बचाते है। कुत्ते  आने वाले संकट को अपने उपर लेकर मालिक की जान भी बचाते हैं। ज्ञापन में महामहिम राष्ट्रपति और सरकार से अनुरोध किया गया कि वें पशु जन्म नियन्त्रण कानून 2023 की धारा 11.3 और 11.19 का पालन सुनिश्चित करायें और सामुदायिक मार्ग के कुत्तों को टीकाकरण के लिये जहां से पकड़ा गया उन्हें वहीं पर छोड़ने के कानून का पालन सर्वोच्च न्यायालय के जजों से पालन करायें। हिन्दू संगठनों ने कानून की अवज्ञा कर रहे जजों के खिलाफ सी बी आई, एन आई ए और लाकायुक्त के जरिये कार्यवाही कराने की भी मांग की। ज्ञापन श्री मुन्ना कुमार शर्मा के साथ हिन्दू सेना के श्री विष्णु गुप्ता, अटल जन शक्ति पार्टी के श्री बम बम महाराज, दारा सेना के श्री मुकेश जैन, ग्राम उदय फाउन्डेशन के श्री संजीव तिवारी सहित 2 दर्जन हिन्दू संगठनों द्वारा दिया गया।

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