एनआरएआई का सांता’ज़ कॉज़ 2025 उत्सव की खुशियाँ और महत्वपूर्ण सहयोग लेकर आया

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 27 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। जब पूरा देश क्रिसमस की भावना के साथ एकजुट हुआ, तब नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने एक बार फिर रसोई और डाइनिंग रूम से आगे बढ़कर लोगों के जीवन को छूने का प्रयास किया एनआरएआई के वार्षिक सीएसआर पहल सांता’ज़ कॉज़ 2025 के माध्यम से। वर्ष 2019 में एनआरएआई कोलकाता चैप्टर द्वारा शुरू की गई यह पहल आज एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का रूप ले चुकी है, जो विभिन्न शहरों के रेस्टोरेंट व्यवसायियों को करुणा, समावेशन और सामुदायिक देखभाल की साझा प्रतिबद्धता के साथ एकजुट करती है। 2025 संस्करण में कई शहरों में चैप्टर-स्तरीय गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जो उद्योग की सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाती हैं। इस विश्वास पर आधारित कि उत्सव का मौसम सभी के लिए अर्थपूर्ण होना चाहिए, ‘एनआरएआई सांता’ज़ कॉज़ 2025’ को विश्वसनीय गैर-लाभकारी संगठनों के सहयोग से कई शहरों में लागू किया गया। इस पहल ने वंचित बच्चों, परित्यक्त वरिष्ठ नागरिकों, शेल्टर होम में रह रही महिलाओं और गंभीर चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता वाले बच्चों जैसी महत्वपूर्ण सामाजिक जरूरतों को संबोधित किया जहाँ केवल भौतिक सहायता ही नहीं, बल्कि अपनापन, गरिमा और आश्वासन के क्षण भी प्रदान किए गए।

एनआरएआई के अध्यक्ष सागर दरयानी ने कहा एनआरएआई सांता’ज़ कॉज़ रेस्टोरेंट समुदाय की समाज को लौटाने की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आतिथ्य केवल हमारे रेस्टोरेंट तक सीमित नहीं है—यह सहानुभूति, जिम्मेदारी और उन समुदायों के साथ खड़े होने का भाव है जिन्हें सबसे अधिक देखभाल की आवश्यकता है। हर साल विभिन्न शहरों में हमारे सदस्यों को सार्थक उद्देश्यों के लिए एकजुट होते देखना वास्तव में प्रेरणादायक है। दिल्ली एनसीआर में दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम चैप्टर्स के अंतर्गत सांता’ज़ कॉज़ 2025 का फोकस वंचित बच्चों और परित्यक्त वरिष्ठ नागरिकों के सहयोग पर रहा। डोनेट अ मील ट्रस्ट, नोएडा डेफ सोसाइटी, शिक्षालय, थान सिंह की पाठशाला और द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन जैसे एनजीओ के सहयोग से 400 से अधिक बच्चों को क्रिसमस उपहार और आवश्यक सामग्री वितरित की गई, जिससे उत्सव की खुशियाँ और समावेशन की भावना फैली।

एक-दिवसीय उत्सव से आगे बढ़ते हुए, एनआरएआई इस क्षेत्र में 400 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्थायी शेल्टर होम्स को बुनियादी ढांचा सहायता भी प्रदान कर रहा है। विशेष रूप से सर्दियों के दौरान बुजुर्गों को होने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, यह पहल दीर्घकालिक देखभाल, गरिमा और आराम सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है। एनआरएआई कोलकाता चैप्टर जहाँ सांता’ज़ कॉज़ की शुरुआत 2019 में हुई थी ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर आउटरीच अभियान का नेतृत्व किया। चैप्टर ने सेंट ज़ेवियर्स स्कूल, रामरिक स्कूल, सेंट जेम्स स्कूल, बस्ती वेलफेयर, टाटा मेडिकल सेंटर और अन्य सामुदायिक संगठनों के साथ साझेदारी के माध्यम से लगभग 3,000 बच्चों तक पहुँच बनाई। चैप्टर सदस्यों द्वारा पूरी तरह से योजनाबद्ध, क्रियान्वित और वित्तपोषित इस पहल में उपहार वितरण के साथ-साथ संगीत, नृत्य और कविता जैसी इंटरैक्टिव गतिविधियाँ भी शामिल रहीं, जिसने बच्चों के लिए यादगार उत्सव अनुभव रचे।

चेन्नई में, एनआरएआई चैप्टर ने ‘सांता’ज़ कॉज़’ को एक जीवनरक्षक मिशन से जोड़ा। नोएल फाउंडेशन के सहयोग से सदस्यों ने जन्मजात हृदय दोष से पीड़ित बच्चों की बाल हृदय सर्जरी के लिए फंडरेज़िंग अभियान शुरू किया, जिसमें दो महत्वपूर्ण सर्जरी के लिए ₹4 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इस पहल ने समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप प्रदान करने में सामूहिक सद्भावना की शक्ति को उजागर किया। वहीं, एनआरएआई वडोदरा चैप्टर ने परित्यक्त महिलाओं के आश्रय गृह नारी संरक्षण गृह के साथ मिलकर निवासियों को स्वेटर, मफलर और मोज़े जैसी सर्दियों की आवश्यक वस्तुएँ वितरित कीं ताकि ठंड के महीनों में उन्हें आराम, देखभाल और सुरक्षा मिल सके। सांता’ज़ कॉज़ 2025’ के माध्यम से, एनआरएआई ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि भारतीय रेस्टोरेंट उद्योग सामुदायिक मूल्यों में गहराई से निहित है। देशभर के रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने सांता की टोपी पहनकर मोहल्लों, शेल्टर होम्स और अस्पतालों में कदम रखा, जिससे उत्सव की सद्भावना वास्तविक, जमीनी प्रभाव में बदली—और हजारों लोगों तक आशा, गर्मजोशी और खुशियाँ पहुँचीं।

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