पारस हेल्थ गुरुग्राम ने दुर्लभ डबल हार्ट प्रक्रिया को दिया अंजाम दिया
15% हार्ट फंक्शन और मल्टी-ऑर्गन फेलियर के साथ पारस हॉस्पिटल में रचा इतिहास
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शुक्रवार 12 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), गुरुग्राम। पारस हेल्थ गुरुग्राम ने इराक के 58 साल के हादी मुस्तफा हमाद की जान बचाई है। दरअसल इराकी निवासी हादी मुस्तफा लगभग बेहोशी की हालत में पारस हॉस्पिटल में आए थे और उनके कई अन्य अंग भी काम करना बंद कर रहे थे। उन्हें कई हॉस्पिटल्स ने मना कर दिया था। पारस हेल्थ में पूरी प्रक्रिया हृदय रोग विशेषज्ञों ने की। इस प्रक्रिया के बाद उनकी हालत में काफी सुधार देखने को मिला। 11 नवम्बर को हमाद हार्ट अटैक के बाद एमरजेंसी वार्ड में आये थे। वह मल्टी ऑर्गन डिस्फंक्शन से ग्रसित थे। वह फेफड़ों में पानी भरने, ब्लड प्रेशर के अस्थिर होने और किडनी के काम कम करने से जूझ रहे थे। लगभग दो सालों तक उनके लक्षणों को गलत तरीके से अस्थमा समझ कर इलाज किया गया, क्योंकि डायबिटीज की वजह से उनके सीने में दर्द का पता नहीं चल पा रहा था। जब सही बीमारी का पता चला, तब उन्हें ओपन-हार्ट सर्जरी के लिए बहुत ज़्यादा खतरे से भरा माना गया। उन्हें कई अस्पतालों में हार्ट ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह दी जा चुकी थी। उन्हें वेंटिलेटर और इंट्रा एओर्टिक बैलून पंप पर रखा गया। पारस हेल्थ में आने से पहले उनकी ठीक होने की उम्मीदें धूमिल हो चुकी थी।
पारस हेल्थ गुरुग्राम में कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर और यूनिट हेड डॉ.अमित भूषण ने इस केस का नेतृत्व किया। उन्होंने केस की जटिलता और इस केस में मित्राक्लिप [TEER] थेरेपी क्यों ज़रूरी थी, इसके बारे में बताते हुए कहा, "यह हमारे द्वारा इलाज किये अब तक सबसे मुश्किल केसों में से एक था। सिर्फ़ एक मित्राक्लिप प्रक्रिया करके उन्हें बचाया नहीं जा सकता था। इसलिए दूसरा मित्राक्लिप लगाया गया; मरीज़ को शॉक लगाया गया, फिर CPR किया गया, और कई बार शॉक लगाने के बाद मरीज़ को होश आया। मित्राक्लिप ने लीक हो रहे वाल्व को ठीक किया और खून के सर्कुलेशन को सामान्य किया। खून का सर्कुलेशन ठीक होने से हार्ट स्थिर हो गया, जिससे फिर आगे की प्रक्रिया संभव हो सकी। प्रक्रिया के बाद वह पाँच दिनों तक CCU में वेंटिलेटर पर रहे। पहले तीन दिन उनकी हालत को स्थिर करने पर ध्यान दिया गया। वह 10 दिनों तक हॉस्पिटल में रहे। यह कोऑर्डिनेटेड और स्टेप-बाय-स्टेप तरीका ही उन्हें ज़िंदा रहने का असली मौका देने का एकमात्र तरीका था, क्योंकि जब वह हॉस्पिटल में आये थे तो उनके इलाज के लगभग सभी रास्ते बंद हो गए थे। यह सफलता इस बात पर ज़ोर देती है कि कैसे एडवांस्ड और संगठित प्रयास गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों की जान बचाने में बड़ा फ़र्क ला सकते हैं।
मित्राक्लिप को वैज्ञानिक भाषा में TEER (ट्रांसकैथेटर एज-टू-एज रिपेयर) कहा जाता है। यह एक वाल्व रिपेयर प्रक्रिया होती है। इसमें छाती से नहीं बल्कि पैर की नस से वॉल्व ठीक किया जाता है। लीक हो रहे माइट्रल वाल्व पर एक छोटी क्लिप लगाई जाती है ताकि खून पीछे की ओर बहना बंद हो जाए। ऐसा होने से हृदय ज़्यादा आसानी से खून पंप कर पाता है। इस जटिल प्रक्रिया में 14 स्पेशलिस्ट टीमों ने काम किया। जैसे- इंटरवेंशनल और नॉन-इनवेसिव कार्डियोलॉजिस्ट, एक कार्डियक एनेस्थेटिस्ट, एक इंटेंसिविस्ट, कैथ लैब स्टाफ, पैरामेडिकल टीमें और 3D TEE और फ्लोरोस्कोपी के तहत मित्राक्लिप को गाइड करने वाले टेक्निकल एक्सपर्ट शामिल थे। कार्डियक साइंसेज टीम के मुख्य सदस्यों में डॉ. सुशांत श्रीवास्तव (चेयरमैन-CTVS), डॉ. नदीम (सीनियर कंसल्टेंट), डॉ. अंबिका (कंसल्टेंट), डॉ. आदिल (कंसल्टेंट), डॉ. फैसल मुफ्ती, डॉ. नीतीश शर्मा, डॉ. नसरीन (कंसल्टेंट), डॉ. संगमित्रा (कंसल्टेंट), और डॉ. रंजन शामिल थे, सभी ने सम्पूर्ण प्रक्रिया और पोस्टऑपरेटिव देखभाल में अहम भूमिका निभाई। एडवांस्ड इमेजिंग को कैथेटर-बेस्ड टेक्नीक के साथ सटीक रूप से इंटीग्रेट करने से यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण इलाज़ बन गया।
मरीज के परिवार के एक सदस्य फारिस हमाद ने कहा हम जितने भी हॉस्पिटल गए, सबने कहा कि ट्रांसप्लांट के अलावा कोई इलाज नहीं बचा है। हमने लगभग मान लिया था कि अब कुछ नहीं हो सकता। पारस हेल्थ गुरुग्राम में यहां की टीम ने न सिर्फ एक साफ प्लान समझाया, बल्कि हमें यह भरोसा भी दिलाया कि रिकवरी मुमकिन है। वेंटिलेटर पर भर्ती होने के बाद हादी मुस्तफा को हॉस्पिटल से चलते हुए देखना हमारे लिए एक ऐसा चमत्कार था जिसकी हमने कभी उम्मीद नहीं की थी। इलाज के बाद मरीज की हालत में लगातार सुधार हुआ। दस दिनों के अंदर उनके हॉट का कार्य 15% से बढ़कर लगभग 40% हो गया, हार्ट की सूजन कम हो गई, किडनी का कार्य सामान्य हो गया, और वह बिना किसी सहारे के चल और सांस ले पा रहे हैं। पहले उन्हें कुछ कदम चलने के बाद ही सांस फूलने लगती थी। अब वह बिना किसी दिक्कत के सुबह की लंबी सैर कर सकते हैं। यह केस दर्शाता है कि मित्राक्लिप (TEER) जैसी मॉडर्न हार्ट-रिपेयर टेक्नोलॉजी कैसे उन मरीजों के लिए उम्मीद जगा रही हैं जिनके लिए ओपन-हार्ट सर्जरी बहुत जोखिम भरी होती है। यह केस पारस हेल्थ गुरुग्राम को जटिल कार्डियक केयर के लिए एक सर्वोत्तम सेंटर के तौर पर स्थापित करता है।




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