वायुसेना के तेजस्वी अधिकारी विंग कमांडर नंदलाल जोतवानी का निधन
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, वीरवार 18 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पूर्व विंग कमांडर, प्रख्यात विद्वान, कुशल प्रशासक एवं निष्ठावान समाजसेवी विंग कमांडर नंदलाल जोतवानी (वेटरन) का दिल्ली में दुःखद निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। उनका जीवनकाल (11 जून 1938– 16दिसंबर 2025) राष्ट्रसेवा, ज्ञानार्जन और मानवकल्याण की एक अमिट गाथा रहा। विंग कमांडर जोतवानी ने राष्ट्रसेवा को अपना परम धर्म माना। भारतीय वायुसेना में एक विशिष्ट अधिकारी के रूप में उनकी सेवाएँ अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति का प्रतिमान थीं। सेवानिवृत्ति के पश्चात भी उन्होंने सार्वजनिक जीवन की सक्रियता नहीं छोड़ी और शैक्षणिक, प्रशासनिक तथा सामाजिक क्षेत्रों में ऐतिहासिक योगदान दिया।
भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में पूर्व राष्ट्रीय आयुक्त (भाषाई अल्पसंख्यक) के रूप में उन्होंने भाषाई विविधता के संरक्षण, अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक नीतियों व कार्यक्रमों का सृजन किया। शिक्षाविद् एवं विद्वान पीएचडीधारी डॉ. जोटवानी गहन अध्येता, लेखक और चिंतक थे। उनकी शोधपूर्ण दृष्टि ने भाषा-नीति और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में नए मार्ग प्रशस्त किए। वे राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, भारत सरकार एवं सिंधी अकादमी, दिल्ली सहित अनेक संस्थाओं से जुड़े रहे। सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति और इतिहास के संरक्षण, प्रचार-प्रसार तथा सिंधी समाज के शैक्षिक-सामाजिक उत्थान में उनका योगदान अविस्मरणीय है। एक उच्चपदस्थ अधिकारी और विद्वान होने के बावजूद अत्यंत सरल, सहज, उदार और स्नेहिल व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी मुस्कान, निस्वार्थ मार्गदर्शन और गहरी मानवीय संवेदना ने सभी को छुआ।
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता महेश छाबड़िया (दिल-ए-सिंध) ने गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा विंग कमांडर नंदलाल जोतवानी जी का चले जाना केवल एक व्यक्ति की क्षति नहीं, बल्कि राष्ट्र, समाज और सिंधी समुदाय के लिए एक युग का अंत है। उनका समूचा जीवन अनुशासन, सेवा, ज्ञान और मानवीय मूल्यों का जीवंत प्रतीक था। सिंधी समाज उनके अमूल्य योगदान का सदैव ऋणी रहेगा। उनकी विरासत हमें सदैव प्रेरित करती रहेगी। इस दुःख की घड़ी में हम समस्त शोकाकुल परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शाश्वत शांति प्रदान करे एवं परिजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की धैर्य और शक्ति दें।

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