हैदराबाद में दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी पोल्ट्री प्रदर्शनी का समापन

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 29 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), तेलंगाना। हैदराबाद में आयोजित दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी पोल्ट्री प्रदर्शनी का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य तेलंगाना सहित पूरे देश में पोल्ट्री क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और विकास की गति को बढ़ाना था। प्रदर्शनी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व भागीदारी, रणनीतिक सहभागिता और पोल्ट्री मूल्य श्रृंखला से जुड़ी उन्नत तकनीकों की व्यापक प्रस्तुति इसकी प्रमुख विशेषताएँ रहीं। अंडा उत्पादन के क्षेत्र में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है, जबकि ब्रॉयलर उत्पादन में भी देश प्रमुख चार राष्ट्रों में शामिल है। पोषण, ग्रामीण आजीविका और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला यह क्षेत्र आज वैश्विक मंच पर तेज़ी से उभरती शक्ति बन चुका है।

इस वर्ष के एक्सपो में स्थिरता, रोग नियंत्रण, स्मार्ट तकनीक के उपयोग और कच्चे माल की बढ़ती लागत जैसे प्रमुख मुद्दों पर विशेष ध्यान केंद्रित रहा। ‘‘पोल्ट्री नॉलेज डे’’ के दौरान अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने उभरते रोगों, टिकाऊ नीति-निर्माण, ग्रामीण बाज़ारों की क्षमता तथा उद्योग में उपलब्ध नए कैरियर अवसरों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। 26 नवंबर 2025 को आयोजित पोल्ट्री इंडिया प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश के पोल्ट्री कृषकों की मज़बूत उपस्थिति देखने को मिली। उत्तर प्रदेश पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली अकबर तथा राष्ट्रीय समन्वयक अनीस अंसारी ने विभिन्न सरकारी तथा औद्योगिक स्टॉलों का निरीक्षण कर उद्योग के भविष्य, नीतिगत सुधार और कृषकों से जुड़े मुद्दों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव श्री मुकुंद मिश्रं (आई.ए.एस.) भी उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि दल के साथ उपस्थित थे, जिससे राज्य के सुझावों और आवश्यकताओं को और अधिक प्रभावी ढंग से रखा जा सका। वक्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि पोल्ट्री पालन आज केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण रोजगार और आर्थिक सुदृढ़ता की आधारशिला बन चुका है। उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में तेज़ी से उभरता केंद्र है, किन्तु बढ़ते रोग-खतरों, फ़ीड की बढ़ती कीमतों, बाज़ार के उतार-चढ़ाव, आधुनिक तकनीक की सीमित उपलब्धता और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण की कमी जैसे मुद्दे तत्काल समाधान की माँग करते हैं। नवाब अली अकबर ने कहा कि कृषकों को मजबूत किए बिना उद्योग की उन्नति संभव नहीं। अनीस अंसारी ने कहा कि आधुनिक तकनीक, वैश्विक मानकों पर आधारित जैव-सुरक्षा और वैज्ञानिक प्रबंधन ही कृषकों के लिए स्थायी और लाभकारी भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

प्रदर्शनी ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग, व्यावसायिक साझेदारी, तकनीकी आदान–प्रदान और उच्च-स्तरीय नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करते हुए भारत की वैश्विक पोल्ट्री उद्योग में स्थिति को और अधिक सुदृढ़ किया। प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि उद्योग को आधुनिक आधारों पर विकसित करते हुए कृषकों को प्रशिक्षण, तकनीक और सुलभ वित्तीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी तथा रोग-नियंत्रण व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाएगा। कार्यक्रम के समापन पर नवाब अली अकबर, अनीस अंसारी और श्री मुकुंद मिश्रं (आई.ए.एस.) के प्रयासों की विशेष सराहना की गई तथा आशा व्यक्त की गई कि उनकी पहल भविष्य में उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के पोल्ट्री कृषकों के लिए नई संभावनाएँ उत्पन्न करेगी।

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