सिप्ला ने दिल्ली में किया देश का पहला लंग हेल्थ डायग्नोस्टिक्स सेंटर लॉन्च
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, मंगलवार 2 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। सिप्ला ने आज नई दिल्ली के लाजपत नगर में अपने पहले ब्रीदफ्री लंग वेलनेस सेंटर के शुभारंभ की घोषणा की। यह देश का पहला ऐसा एकीकृत केंद्र है, जहाँ फेफड़ों से संबंधित टेस्ट और वेलनेस सेवाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। यह अत्याधुनिक केंद्र उन्नत और मानकीकृत फेफड़ों के डायग्नोस्टिक परीक्षणों को पूरे देश में डॉक्टरों और मरीजों के लिए अधिक सुलभ और किफायती बनाकर श्वसन देखभाल के तरीके को एक नई दिशा देगा। भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और फेफड़ों की उन्नत जाँच सुविधा तथा व्यापक डायग्नोस्टिक सुविधाओं की सीमित उपलब्धता के कारण लाखों लोगों को या तो पता ही नहीं चल पाता है या गलत निदान प्राप्त कर लेते हैं। ब्रीदफ्री लंग वेलनेस सेंटर को एक ऐसे ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ फेफड़ों के स्वास्थ्य की समग्र जाँच एक ही स्थान पर उपलब्ध हो। यह केंद्र श्वसन रोगों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिप्ला के दशकों के अनुभव और प्रतिबद्धता पर आधारित है। यह अत्याधुनिक केंद्र नवीनतम तकनीक, वैश्विक मानकों पर आधारित डायग्नोस्टिक प्रोटोकॉल और उच्च प्रशिक्षित तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को एक ही मंच पर साथ ले आता है, जो अत्यंत सटीकता के साथ जाँच की सुविधा प्रदान करते हैं। इससे डॉक्टरों को श्वसन संबंधी बीमारियों का समय रहते और सही तरीके से निदान करने में मदद मिलती है।
यह सुविधा केंद्र फेफड़ों की कार्य-प्रणाली, सूक्ष्मजीवविज्ञान, प्रतिरक्षाविज्ञान, रक्त रसायन और रेडियोलॉजी से जुड़े 60 से अधिक टेस्टों की संपूर्ण सुविधा उपलब्ध कराएगा। इसका उद्देश्य श्वसन रोग के संदेह वाले मरीजों या पहले से फेफड़ों की किसी बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए फेफड़ों की अधिक व्यापक जाँच सुनिश्चित करना है — चाहे वे सामान्य बीमारियाँ हों जैसे अस्थमा और सीओपीडी, या अधिक जटिल स्थितियाँ जैसे इंटरस्टिशियल लंग डिज़ीज़ (आईएलडी)। उपलब्ध परीक्षणों में स्पाइरोमेट्री, ऑसिलॉमेट्री, FeNO, DLCO, बॉडी प्लेथिस्मोग्राफी, FnNO, CPET, एक्स-रे, CT स्कैन, स्लीप स्टडीज़ आदि शामिल हैं। ये सभी टेस्ट उच्च प्रशिक्षित तकनीशियनों द्वारा किए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि या असंगति को रोका जा सके और परिणाम पूरी तरह सटीक रहें। इसके अतिरिक्त, केंद्र में पल्मोनरी न्यूट्रिशन, रीहैबिलिटेशन सेवाएँ, तथा धूम्रपान छोड़ने संबंधी परामर्श भी प्रदान किये जायेंगें, जिससे मरीजों को उनके पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया में सहायता मिल सके। केंद्र अब खुल चुका है और चिकित्सकों के रेफरल के माध्यम से मरीजों का स्वागत कर रहा है, तथा श्वसन संबंधित डायग्नोस्टिक्स और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में सर्वोच्च मानक स्थापित कर रहा है।
इस अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री अचिन गुप्ता, ग्लोबल चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर, सिप्ला लिमिटेड ने कहा सिप्ला अनेक वर्षों से श्वसन देखभाल के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, और पहले ब्रीदफ्री लंग वेलनेस सेंटर की शुरुआत के साथ हम देश में डायग्नोस्टिक्स की गंभीर कमियों को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। स्वास्थ्य देखभाल की संपूर्ण प्रक्रिया में अपनी उपस्थिति को विस्तार देकर, हमारा उद्देश्य भारत में फेफड़ों से संबंधित डायग्नोस्टिक्स को बदलना है — ताकि उच्च गुणवत्ता वाले, मानकीकृत फेफड़ों के परीक्षण डॉक्टरों और मरीजों दोनों के लिए अधिक सुलभ और किफायती बन सकें। अंततः, यह कदम देश में श्वसन स्वास्थ्य के परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डॉ. जयदीप गोगटे, ग्लोबल चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर, सिप्ला लिमिटेड ने कहा अनुमान है कि भारत में 9 करोड़ से अधिक लोग दीर्घकालिक श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों के लिए समय पर और सटीक निदान अत्यंत आवश्यक है, ताकि चिकित्सक सही उपचार जल्द शुरू कर सकें, अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम हो सके और मरीजों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके। सिप्ला ने हमेशा इस बढ़ते स्वास्थ्य बोझ को गंभीरता से समझा है, और इस केंद्र की शुरुआत हमारे फेफड़ों की देखभाल से जुड़े नेतृत्व प्रयासों का स्वाभाविक विस्तार है। इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य भारत में फेफड़ों से संबंधित डायग्नोस्टिक्स को मजबूत करना और श्वसन देखभाल की बुनियाद को और सुदृढ़ बनाना है। फेफड़ों की संपूर्ण वेलनेस सेवाएँ प्रदान करने के अलावा, यह केंद्र स्वास्थ्य-सेवा पेशेवरों के लिए नवीनतम डायग्नोस्टिक तरीकों पर व्यापक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित होने का भी लक्ष्य रखता है जहाँ उन्हें प्रमाणन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यह केंद्र श्वसन विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान कार्यों के संचालन हेतु भी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।



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