अमेज़न करेगी भारत के एआई मिशन में सहयोग

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 6 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। अमेज़न ने आज घोषणा की कि वह 2030 तक भारत के करोड़ों लोगों तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को पहुंचाने की योजना बना रही है, जिससे भारत सरकार के एआई मिशन को सुलभता, उत्पादकता और डिजिटल समावेश बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी लोकल क्लाउड और एआई बुनियादी ढांचे में 12.7 अरब डॉलर का निवेश करने की दिशा में अग्रसर है और अपने विभिन्न व्यवसायों के ज़रिये 1.5 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों तक एआई के लाभ पहुंचाएगी। अमेज़न ने वर्ष 2030 तक सरकारी-विद्यालयों के 40 लाख छात्रों को एआई साक्षरता और करियर जागरूकता प्रदान करने का भी संकल्प लिया है। कंपनी अमेज़न.इन पर करोड़ों ग्राहकों के लिए खरीदारी को और अधिक सरल तथा आकर्षक बनाने के लिए एआई का उपयोग जारी रखेगी। अमेज़न इंडिया के कंट्री मैनेजर समीर कुमार ने कहा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में भारत में समान अवसर प्रदान करने की क्षमता है। यह भाषा, साक्षरता और पहुंच की कमी जैसी सभी बाधाओं को दूर करता जिनकी वजह से लोग सामाजिक रूप से उपेक्षित रहे। जब कोई छोटा व्यवसायी किसी कस्बाई शहर में बैठकर कुछ ही मिनटों में एआई की मदद से पेशेवर उत्पाद-विवरण तैयार कर लेता है, या किसी सरकारी विद्यालय का छात्र ऐसे कौशल सीखता है जो नए करियर के अवसर खोल दे, या कोई ग्राहक बिना टाइप किए अपनी स्थानीय भाषा में खरीदारी कर पाता है तो इसका मतलब है कि प्रौद्योगिकी वास्तव में सभी के लिए कारगर है। हम बड़े स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता बुनियादी ढांचा और टूल तैयार कर रहे हैं क्योंकि हमारा विश्वास है कि हर भारतीय को इस परिवर्तन का लाभ मिलना चाहिए, और हमें सरकार के कृत्रिम बुद्धिमत्ता मिशन को वास्तविकता में तब्दील करने में योगदान देने पर गर्व है।

2030 तक लोकल  क्लाउड और एआई बुनियादी ढांचे  में 12.7 अरब डॉलर के निवेश की दिशा में अग्रसर: क्लाउड और एआई की बढ़ती मांग का मतलब है कि अमेज़न भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए लोकल क्लाउड और एआई बुनियादी ढांचे, कौशल-विकास और नवोन्मेष में निरंतर निवेश कर रहा है। अमेज़न ने मई 2023 में, तेलंगाना और महाराष्ट्र में स्थित अपने लोकल क्लाउड और एआई बुनियादी ढांचे में 2030 तक 12.7 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की थी। एडब्ल्यूएस के भारत में अनेक ग्राहक हैं जो निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में उसकी एजेंटिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षमताओं का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें डिजियात्रा, अपोलो टायर्स और एक्सिस बैंक शामिल हैं। कौशल-विकास पर एडब्ल्यूएस का ध्यान वैश्विक है, और कंपनी एजेंटिक एआई के भविष्य के लिए तैयार कुशल जन-बल का निर्माण कर रही है। 2017 से अब तक, एडब्ल्यूएस ने भारत में 62 मिलियन से अधिक लोगों को क्लाउड कौशलों में प्रशिक्षित किया है, जो ए़डब्ल्यूएस स्किल बिल्डर, ए़डब्ल्यूएस एजुकेट, ए़डब्ल्यूएस री/स्टार्ट और हाल ही में घोषित नए एआई पाठ्यक्रमों सहित अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के ज़रिये संभव हुआ।

छोटे व्यवसायों के लिए एआई - अमेज़न के एआई संबंधी दृष्टिकोण का लक्ष्य है कम प्रयास में बड़े काम करने को प्रेरित करना, बाधाओं को दूर करना, और हर उद्यमी को बड़े उद्यम जैसी दक्षता के साथ काम करने में सक्षम बनाना। कंपनी ऐसे टूल पेश कर रही है जो सभी विक्रेताओं के लिए, चाहे छोटे हों या बड़े या वे कहीं भी स्थित हों, ऑनलाइन बिक्री को सरल बनाते हैं। ये एआई क्षमताएं विशेष रूप से छोटे व्यवसायों को आत्मविश्वास के साथ संचालन करने, रणनीतिक योजना बनाने और अधिक तीव्र गति से प्रगति करने में सहायता करती हैं। सेलर असिस्टेंट पिछले साल पेश किया गया जेनरेटिव एआई आधारित विशेषज्ञ है। यह तत्काल जवाब देता था और विक्रेताओं को उपयुक्त रिसोर्स के बारे में बताता था। अब हमने इस सेलर असिस्टेंट को और विकसित किया है, जिसमें एजेंटिक एआई क्षमताएं शामिल हैं, जो आपके स्टोर, व्यापारिक संदर्भ और लक्ष्यों को समझ सकता है। यह असिस्टेंट अब केवल जवाब नहीं देता, बल्कि आपके साथ मिलकर लगातार विश्लेषण और तर्क भी करता है। इससे अमेज़न पर विक्रेताओं के व्यवसाय परिचालन में बड़ा बदलाव आएगा। ये क्षमताएं पूरी बिक्री प्रक्रिया के दौरान सहजता से काम करती हैं, जिससे विक्रेता हर काम हाथ से करने के बजाय एक एआई आधारित सहायक का लाभ उठा सकते हैं, जो उनकी  जगह सक्रिय रूप से चौबीसों घंटे काम करता है, जबकि नियंत्रण विक्रेताओं के ही हाथ में रहता है।

2030 तक सरकारी विद्यालयों के  40 लाख छात्रों के लिए एआई साक्षरता:  अमेज़न 2030 तक सरकारी विद्यालयों के 40 लाख विद्यार्थियों तक एआई साक्षरता और करियर-जागरूकता पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है। इसमें एआई पाठ्यक्रम, प्रायोगिक गतिविधियां, करियर-परिचय यात्राएं और शिक्षक-प्रशिक्षण शामिल हैं। यह पहल भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों का समर्थन करती है और विद्यार्थियों, विशेषकर उपेक्षित और कम-सुविधा वाले क्षेत्रों के बच्चों को भविष्य की ज़रूरत के अनुरूप नौकरियों और उभरती प्रौद्योगिकी के लिए तैयार करने में मदद करती है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव तथा इंडिया एआईमिशन के मुख्य कार्यकारी, अभिषेक सिंह ने कहा, “एआई के दौर में शिक्षा केवल नई प्रौद्योगिकी को समझने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका लक्ष्य हर शिक्षार्थी को सक्षम बनाना भी है, ताकि वे इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर भारत की विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करें। सरकारी विद्यालयों के 40 लाख छात्रों तक एआई शिक्षा पहुंचाने के प्रति अमेज़न की प्रतिबद्धता, और इसके लिए किया जा रहा उल्लेखनीय निवेश, विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा। जब दूर-दराज़ के किसी गांव का बच्चा भी वही एआई सीखने के साधन प्राप्त करेगा, जो किसी महानगर के बच्चे को उपलब्ध हैं, तो हम सही मायने में समान और समावेशी डिजिटल भविष्य के करीब पहुंचेंगे। कक्षाओं में एआई की पहुंच केवल एक कौशल सिखाने भर का प्रयास नहीं बल्कि यह राष्ट्र-निर्माण की कोशिश है। हम अपने छात्रों को केवल भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार नहीं कर रहे, बल्कि उन्हें ऐसे नवोन्मेषक (इनोवेटर) बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो भारत और विश्व के लिए समाधान विकसित करेंगे।”

ग्राहकों के लिए एआई आधारित सरल खरीदारी का अनुभव: आने वाले कुछ वर्षों में लाखों-करोड़ों ग्राहक एआई के ज़रिये खरीदारी के नए किस्म के अनुभव हासिल कर सकेंगे, जो पहले से कहीं अधिक सरल और सहज होगा। ग्राहकों की खरीदारी इतनी आसान होगी कि बहुत कम संकेतों से भी एआई खरीदारी पूरी करने में मदद करेगा, प्राकृतिक मल्टी-मॉडल और बहुभाषीय संवाद सक्षम हो सके, जटिल उत्पादों के आकलन के लिए व्यक्तिगत ज़रूरत के अनुरूप सार-संक्षेप प्रस्तुत किए जा सकें, और ऐसे बुद्धिमान सहायक सक्रिय रूप से सहायता करें जो ग्राहक के व्यवहार से सीखकर उपयोगी सुझाव दें। भारतीय ग्राहक अमेज़न पर एआई का उपयोग कर अपने दैनिक जीवन को और सुविधाजनक बना रहे हैं, जो अमेज़न की अत्याधुनिक एआई और मशीन-लर्निंग प्रणालियों से संचालित है। अमेज़न एआई का उपयोग ग्राहकों के उत्पादों के खोजने, तुलना करने और उत्पाद समझने में लगने वाले प्रयास को कम करने के लिए कर रही है और इस तरह ग्राहकों के लिए भाषा, साक्षरता और डिजिटल समझ से जुड़ी बाधाओं को दूर कर रही चाहे वे महानगरों में रहते हों या कस्बे या ग्रामीण क्षेत्रों में।

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