दिल्ली वासियों को स्वच्छ हवा दिलवाने के लिए अमेरीकी हवई द्वीप में नई दिल्ली बनाई जाए : हिन्दू संगठन


शब्दवाणी सम्माचार टीवी, वीरवार 6 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा जी की अध्यक्षता में हुई हिन्दू संगठनों की बैठक में चिन्ता जाहिर की गयी कि एक बड़ी साजिश के तहत अमेरिका फंडिंग पर पल रही एन जी ओ के गिरोहों द्वारा दिल्ली के नागरिकों, कारोबारियों, पर्यटकों में प्रदूषण की दहशत फैलाकर न केवल कारोबार बल्कि पर्यटन उद्योग को भी ध्वस्त किया जा रहा है। इसी के साथ सर्वोच्च न्यायालय के जजों द्वारा अमेरीकी एन जी ओ की झूठी भारत विरोधी रिपोर्ट को आधार बना कर उल्टे-सीधे फैसले देकर सरकार के खरबों रुपयों के बजट को भी चौपट किया जा रहा है। जबकि इनके हर प्रकार के फैसलों को क्रियान्वित करने के बाद भी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक ज्यों का त्यों रहा। बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विख्यात पर्यावरण विद् आई आई टीएन श्री मुकेश जैन ने कहा कि प्रदूषण के इस झूठ को फैलाने में सबसे बड़़ी भूमिका सी आई ए की फंडिंग पर पल रहे अभय श्री निवास ओक जैसे सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान और पूर्व न्यायधीश, राजदीप सरदेसाई जैसे मीडियाकर्मी निभा रहे हैं। जिन्होंने दिवाली के पटाखों में प्रदूषण का झूठ फैलाकर न केवल पटाखा उद्योग को चौपट किया है बल्कि 146 करोड़ हिन्दुस्तानियों को महामारी फैलाकर मारने की अमरीकी साजिश को अंजाम देने का भी भरकस प्रयास किया। 

बैठक में हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विष्णु गुप्ता ने बताया कि अमेरीकी फंडिंग पर पल रही सी एस सी, क्लाइमेंन्ट ट्रेंड जैसी नयी नयी एन जी ओ विज्ञापन ऐजेन्सियों के जरिये मीडिया को खरीद कर दिल्ली के पर्यावरण को खतरनाक बताने की अपनी झूठी खबरों को अरबों रुपयों के बजट के साथ रोज सुबह शाम प्रचारित- प्रसारित कर रही हैं। जिससे न केवल दिल्लीवासियों के सिर में दर्द हो गया है बल्कि कुछ दिल्ली वासियों में जबरदस्त दहशत भी फैल गई हैं। साथ ही अमेरीकी एन जी ओ की उल्टी- सीधी ब्यान बाजी पर हमारे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश स्वतः संज्ञान लेकर भारत सरकार को नित नये आदेश देकर, सरकार के खरबों रुपयों को मिट्टी में मिलाकर अर्थ व्यवस्था को चौपट करने में भी सफल हुए हैं। बैठक में अटल जन शक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बम बम महाराज ने कहा कि मजेदार बात यह है कि दिल्ली की हवा को दमघोटू बताने वाले अभय श्री निवास ओक जैसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सेवानिवृति के 6 महीने बाद भी दिल्ली की दम घोटू हवा में मजा ले रहे हैं और जिन्दा रहकर दिल्ली की हवा को कोस भी रहे हैं। यही हालात एम सी मेहता जैसे वकीलों और दिल्ली में रहकर दिल्ली को कोसने वाले अमेरीकी फंडिंग पर पल रही एन जी ओ के संचालको का भी है। अभय श्री निवास ओक का दिल्ली में रहना साबित करता है कि दिल्ली की हवा स्वच्छ और रहने योग्य है। दिवाली के पटाखों में  प्रदूषण न होने के बावजूद भी अभय श्रीनिवास ओक ने दिवाली के पटाखों पर जो रोक लगाई उसके लिए सी आई ए से अरबों रुपए लिए जाने की आशंका है। सी बी आई और प्रवर्तन निदेशालय को अभय श्रीनिवास ओक और उसके परिवार की सम्पत्ति की जांच करके सच देश के सामने लाना चाहिये।

हिन्दू संगठनों ने अमेरीकी फंडिंग पर पल रही एनजीओं के संचालकों से अनुरोध किया है कि दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में तो उनके लाख प्रयास के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। दिल्ली वासी अब उनके द्वारा दहशत फैलाने के बाद इस वातावरण में जिन्दा नहीं रह सकते। दिल्ली को अमेरीकी राज्य अलास्का और हवई द्वीप जैसी साफ हवा इन्हीं द्वीपों में मिल सकती है। इसका सबसे सही तरीका यही है कि यें हिन्दुस्तानी एन जी ओ अपने आका अमेरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प और सी आई ए से अनुरोध करें कि अलास्का जैसी हवा हिन्दुस्तानियों के देने के लिए अमेरीकी राज्य अलास्का और हवाई द्वीप का भारत सरकार को दान करके भारत में विलय कर दें। पूर्व में राजा अपनी कन्याओं की शादी में आधा राज्य दहेज में दे देते थे। सोनिया गांधी की शादी में अंग्रेजों को भारत सरकार को अलास्का और हवई द्वीप दहेज में दे देना चाहिये था, पूर्व में की गई यह कमी अब पूरी की जा सकती है। क्यों कि भारत के नागरिकों को स्वच्छ हवा दिलाने के अमेरिका के लाख प्रयास और एम सी मेहता, सी एस सी की निदेशक सुनीता नारायण, क्लाइमेन्ट ट्रेंड की निदेशक आरती खोसला जैसे सी आई ए के ऐजेन्टों पर अमेरीका सरकार द्वारा अरबों रुपयों का बजट खर्च करने के बाद भी दिल्ली का वातावरण ज्यों का त्यों बना हुआ । अब उसका एक ही रास्ता है कि अमेरीका अपने अलास्का राज्य और हवई द्वीप को भारत में विलय करके दिल्ली के नागरिकों को दम घोटू हवा के बदले स्वच्छ हवा में जीने का अवसर प्रदान करें। भारत में विलय के बाद दिल्ली की जनता विरान पड़े अलास्का और हवई द्वीप में अपनी मेहनत से जान भी डाल देगी। यदि अमेरीका इन राज्यों की कुछ कीमत भी चाहे तो अमेरीका दिल्ली की हवा में प्रायोजित खबरों के जरिये जहर घोल रहे अपने बजट का वह हिस्सा इन राज्यों की कीमत के तौर पर बचा सकता है। वैसे भी अमेरीका ने अलास्का राज्य 150 साल पहले रूस से कुल 72 लाख डालर में खरीदा था। इतने डालर खर्च करके यदि उसका और जी जान से जुटी उसकी एन जी ओ का दिल्ली वासियों को स्वच्छ हवा देने का सपना पूरा होता है, तो यह सौदा घाटे का नहीं है। हिन्दू संगठनों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण सम्बन्धी सही सलाह देने वालों को इनाम देने का भी ऐलान किया हुआ है। उसका फायदा उठाकर अमेरीकी एन जी ओ को दिल्ली की हवा स्वच्छ करने के अपने सुझाव दिल्ली सरकार को देने के बाद कार्यान्वित कराकर ही अखबारों में छपवाने चाहिये।  

हिन्दू संगठनों ने भारत सरकार खास तौर से केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री कीर्ति वर्द्धन सिंह राठौड़, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि यदि अमेरीका और भारत में सक्रिय उसकी एन जी ओ दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ हवा देने के लिए अलास्का और हवई द्व़ीप देने से इंकार करते हैं तो न केवल इनके फंडिंग के बजट से अलास्का और हवई द्वीप खरीदे जाये बल्कि दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ हवा देने के इनके प्रयासों को झूठ का पुल्लिंदा मानकर इनकी झूठी प्रायोजित खबरों को प्रसारित करने वाले मीडिया संस्थानों को भी सचेत कर दिया जाये कि वें दिल्ली में प्रदूषण के नाम पर दहशत फैलाना बन्द करे अन्यथा झूठी खबरें फैलाने के आरोप में दण्ड भुगतना पड़ेगा।

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