फिल्म समीक्षा : शोले- द फाइनल कट
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शुक्रवार 12 दिसंबर 2025, फिल्म समीक्षक ल रहना परवीन (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। फिल्म शोले- द फाइनल कट के रूप में फिल्म शोले सिनेमाघरों में 50 साल पुरे करने पर फिर से 5 बड़े बदलाव के साथ 12 दिसम्बर 2025 को 1500 स्क्रीन्स दोबारा प्रदर्शित हो रही है। शोले- द फाइनल कट वीरवार को विशेष प्रेस शो डिलाइट डायमंड में मुझे देखने का अवसर मिला। इस फिल्म में 5 बड़े बदलाव वो दिखेगा जिस पर 50 साल पहले वो क्लाइमैक्स जिसे 1975 में इंदिरा गांधी सरकार और इमरजेंसी के कारण सेंसर बोर्ड (CBFC) ने बदलवा दिया था। फिल्म शोले- द फाइनल कट बड़े पर्दे पर देखने की एक बड़ी वजह इसका टेक्निकल पक्ष भी है। यह फिल्म बड़े पर्दे पर पहली बार आज के दौर के हिसाब से 4K क्वालिटी में रिस्टोर की गई है। अपने असली 70mm रेशियो 2.2:1 में पेश की गई इस फिल्म में ओरिजिनल साउंड नेगेटिव को फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा बरसों से सहेजे गए मैग्नेटिक ट्रैक से बेहतर ऑडियो Dolby 5.1 में रिलीज किया जा रहा है। इत्तेफाक से इस फिल्म को मशहूर कलाकार धर्मेंद्र के स्वर्गवास के साथ ही रिलीज़ हो रही है वैसे शोले- द फाइनल कट पर काम पिछले एक वर्षों से चल रहा था। 1975 में प्रदर्शित इस फिल्म की अवधि लगभग 3 घंटे 32 मिनट है फिल्म को सेंसर बोर्ड ने A प्रमाण पत्र दिया था। फिल्म की कहानी और डायलॉग इतना मशहूर है की आज के बच्चे तक को डायलॉग याद है जब फिल्म चल रही थी तो दर्शक हर कलाकार द्वारा डायलॉग बोलने से पहले बोल रहे थे। इसलिए फिल्म की कहानी बताने की शायद मुझे आवश्यकता नहीं होगी। फिल्म नए तकनिकी रूप में प्रदर्शित हो रही है इसलिए आप अपने परिवार व् दोस्तों के साथ सिनेमाघरों में जाकर बडे पर्दे पर देखने का एक अलग मज़ा मिलेगा। इस फिल्म को दर्शकों ने खुद ही सारे स्टार दिया है तो में क्या स्टार दूँ।



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