डॉ.के.ए.पॉल ने लियोनेल मेसी को दी जा रही राजनीतिक प्राथमिकताओं पर उठाए सवाल

शब्दवाणी सम्माचार टीवीरविवार 14 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय शांति दूत और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. के. ए. पॉल ने भारत में विदेशी खेल हस्तियों के महिमामंडन को लेकर राजनीतिक नेतृत्व और सरकारों की कड़ी आलोचना करते हुए एक देशव्यापी बहस छेड़ दी है। उनका कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय खेल हस्तियों का महिमामंडन भारत के युवाओं, खिलाड़ियों और दीर्घकालिक विकास की कीमत पर किया जा रहा है, जो कि अनुचित है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो बयान में डॉ. पॉल ने अर्जेंटीना के फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी के भारत दौरे पर किए गए राजनीतिक और आर्थिक इंतजामों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय खिलाड़ियों की उपेक्षा करते हुए विदेशी खिलाड़ी को महत्व दिया जा रहा है। मेसी की यात्रा से जुड़े विशेष प्रबंधों और सार्वजनिक खर्च की खबरों का जिक्र करते हुए डॉ. पॉल ने इसे देश के लिए एक बड़ी त्रासदी करार दिया है।

डॉ. पॉल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी हैदराबाद में मेसी से मिलने के लिए विशेष विमान से गए और पश्चिम बंगाल सरकार की भी आलोचना की, जहां कथित तौर पर फुटबॉलर के सम्मान में 18 करोड़ रुपये की लागत से प्रतिमा बनाए जाने की योजना है। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर भी निशाने साधते हुए कहा कि वे विदेशी खेल हस्तियों की “पूजा” कर रहे हैं, जबकि शिक्षा संस्थानों और युवा विकास से जुड़े वित्तीय वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं। डॉ. पॉल ने यह भी सवाल उठाया है कि, “जब हमारे अपने खिलाड़ी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तब एक विदेशी फुटबॉलर के महिमामंडन पर सैकड़ों करोड़ रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं?” उन्होंने कहा कि यदि भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी है, तो उसे अपने खिलाड़ियों में निवेश करना होगा। उन्होंने चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये देश खेल बुनियादी ढांचे और प्रतिभा विकास पर ध्यान देकर ओलंपिक में लगातार 50 से 100 पदक जीतते हैं।

उन्होंने विदेशी खिलाड़ियों की प्रतिमाएं लगाने की प्रवृत्ति पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस तरह का सम्मान महात्मा गांधी, डॉ. बी. आर. आंबेडकर या मदर टेरेसा जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों के लिए होना चाहिए। डॉ. पॉल ने मेसी की यात्रा के इर्द-गिर्द बने राजनीतिक माहौल को अपमानजनक बताते हुए कहा कि “भारतीय राजनेताओं ने एक खेल हस्ती को भगवान का दर्जा देकर अपने मानदंड गिरा दिए हैं। अपने पिछले अनुभवों का उल्लेख करते हुए डॉ. पॉल ने बताया कि 1990 के दशक में उन्होंने इवांडर होलीफील्ड और महेश भूपति जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल दिग्गजों को भारत में सार्वजनिक कार्यक्रमों में आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि उन कार्यक्रमों का उद्देश्य भारतीय युवाओं को प्रेरित करना था, न कि सार्वजनिक संसाधनों या राजनीतिक ध्यान को घरेलू प्राथमिकताओं से हटाना। डॉ. पॉल ने फर्जी समझौतों और उस्मानिया विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों को किए गए अधूरे वित्तीय वादों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी प्रथाएं देश के भविष्य को नुकसान पहुंचा रही हैं और जनता का भरोसा कमजोर कर रही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि, “जिस पैसे का वादा किया गया था, वह कहां है? क्या वह वास्तव में स्थानांतरित किया गया है? अपने बयान के अंत में डॉ.के.ए.पॉल ने व्यवस्था में बदलाव की मांग की और नागरिकों से अपने नेताओं से जवाबदेही तय करने की अपील की है। उन्होंने कहा हमें अपने खिलाड़ियों अपने युवाओं और अपने भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा। बदलाव जरूरी है और मिलकर हम यह बदलाव ला सकते हैं,” साथ ही लोगों से उनके संदेश को अधिक से अधिक साझा करने का आग्रह किया है।

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