कुर्बानी का खून यमुना में न जाने देने के एनजीटी के आदेश का पालन हो : हिन्दू संगठन
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शुक्रवार 6 जून 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। हिन्दू महासभा भवन में अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हिन्दू संगठनों ने दिल्ली सरकार और नगर निगम को ज्ञापन देकर मांग की कि सरकार एनजीटी के 24 सितम्बर 2015 के आदेश वध किए गए पशुओं का खून सीधे यमुना नदी में प्रवाहित नहीं किया जाये का पालन सुनिश्चित करे। श्री मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि एन जी टी में दायर ओजस्वी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी ओम जी की अवमानना याचिका में दिल्ली सरकार ने बताया था कि उसने आदेश दिया हे कि कुर्बानी गाजीपुर बूचड़खानें में ही करने की इजाजत दी गयी है और मुसलमानों को इस आदेश की इत्तला दी जा रही है। हिन्दू संगठनों ने घरों में कुर्बानी करने से पूरी दिल्ली में एक सप्ताह तक जो सड़ाध फैलती है उसे भी रोकना सरकार, पुलिस और प्रशासन और प्रदूषण विभाग की जिम्मेदारी बताकर इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की। हिन्दू संगठनों ने पशु क्रूरता निवारण कानून का पालन करते हुए तड़फा-तड़फा कर पशुओं को हलाल करने पर भी पूर्ण रोक लगाने के लिये सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश अभय श्रीनिवास ओका, आंगस्टीन और उज्जल भुईया जैसे सजग न्यायधीशों से स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि इन न्यायधीशों ने दिवाली के पटाखों में किसी भी प्रकार का प्रदूषण न होने के बाद भी उन पर रोक लगायी। हिन्दू संगठनों का कहना है कि प्रदूषण के नाम पर सर्वोच्च न्यायालय के जज केवल हिन्दू त्योहारों को निशाना बनाया रहे है। इन जजों को बकरा ईद से अगले दिन दिल्ली के सीलमपुर, मुस्तफाबाद, ओखला जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में घूमकर स्वतः संज्ञान लेना चाहिये। उन्हें पता चल जायेगा कि कुछ लोगों ने किस प्रकार से दिल्ली वासियों के जीवन को नारकीय बना दिया गया है।
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