कैंसर से लड़ते हुए भी जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है : डॉ. वीनू अग्रवाल
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 4 अक्टूबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), गुरुग्राम। कैंसर का निदान किसी भी व्यक्ति और उसके परिवार के लिए एक कठिन समय हो सकता है। इलाज की प्रक्रिया, भावनात्मक उथल-पुथल और अनिश्चितता के बीच यह समझना ज़रूरी है कि सही दृष्टिकोण और समर्थन से जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम की कंसलटेंट डॉ. वीनू अग्रवाल ने मरीजों और उनके परिवारों के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय साझा किए, जो कैंसर के इलाज के दौरान जीवन को बेहतर बना सकते हैं। जीवन की गुणवत्ता: इलाज से परे कैंसर के इलाज का मतलब केवल दवाइयों और शारीरिक लक्षणों का प्रबंधन नहीं है। भावनात्मक संतुलन, सामाजिक जुड़ाव और दिमागी सुकून भी ही महत्वपूर्ण हैं। वीनू अग्रवाल कंसलटेंट नारायणा हॉस्पिटल कहतीं हैं कि बेहतर जीवन के लिए छोटे बदलाव का बड़ा असर होता है। जैसे अस्पताल के कमरे या घर के माहौल को व्यक्तिगत बनाएं, पारिवारिक तस्वीरें, पसंदीदा शॉल, या एक छोटा पौधा रखने से माहौल में सकारात्मकता आती है और तनाव मुक्त पोषण,सादा और पोषण से भरपूर खाना, जैसे दाल और रोटी, सुपरफूड्स की तुलना में ज्यादा आरामदायक और ताकतवर हो सकता है।
भोजन को जटिल बनाने के बजाय,उसे सुकूनदायक बनाएं। इसके अलावा हल्की गतिविधियों को बढ़ावा, छोटी-छोटी गतिविधियां, जैसे हल्की सैर, स्ट्रेचिंग, या खिड़की से बाहर ताजी हवा लेना न केवल शरीर को सक्रिय रखती हैं बल्कि मनोदशा को भी बेहतर बनाती हैं।भारत में, कैंसर जैसे विषयों पर बात करने में झिझक होती है। लेकिन डर, उम्मीद और भावनाओं पर खुलकर बात करने से भावनात्मक बोझ कम होता है और आपसी नज़दीकी बढ़ती है।सामुदायिक और पेशेवर मदद लें।इस के साथ ही सामुदायिक सपोर्ट ग्रुप या काउंसलिंग से जुड़ने में संकोच न करें। अध्ययन बताते हैं कि भावनात्मक रूप से समर्थ मरीज इलाज पर बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं।डॉ. वीनू ने यह भी बताया कि मरीज के साथ-साथ देखभाल करने वालों केयरगिवर की भूमिका भी बेहद अहम होती है। केयरगिवर की मानसिक और शारीरिक सेहत का सीधा असर मरीज की भलाई पर पड़ता है।केयरगिवर का आराम और मानसिक स्वास्थ्य उनके परिजनों के लिए एक मजबूत सहारा बनता है। डॉ. वीनू ने जोर दिया कि भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य का सीधा संबंध शारीरिक उपचार से है। जब मरीज और उनके परिवार भावनात्मक रूप से समर्थ महसूस करते हैं, तो इलाज का असर भी बेहतर होता है।कैंसर के निदान के बाद जीवन में सकारात्मकता बनाए रखना और सही समय पर विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद जरूरी है। सही देखभाल और समर्थन से न केवल इलाज आसान हो सकता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकती है।
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