एस्के हेयरड्रेसिंग स्कूल की सपनों का आईना ने बदली 12 युवाओं की ज़िंदगी

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 6 सितम्बर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), गुरुग्राम। एसके ब्यूटी रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत संचालित एसके हेयरड्रेसिंग स्कूल ने आज अपने सीएसआर उपक्रम “सपनों का आइना” के विजेताओं की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य हेयरड्रेसर बनने की आकांक्षा रखने वाले युवाओं को उनके करियर की पहली सीढ़ी प्रदान करना है। इस प्रतियोगिता के लिए पूरे देश से 8,670 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनमें से पहले बैच के लिए 12 युवाओं का चयन किया गया। चयनित विजेताओं को कंपनी के “केयर फॉर स्माइल” कार्यक्रम के अंतर्गत पूरी तरह निःशुल्क व्यावसायिक हेयरड्रेसिंग शिक्षा दी जाएगी। शिक्षक दिवस पर की गई यह घोषणा ज्ञान-साझेदारी की परंपरा का प्रतीक है। ये विजेता विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं, लेकिन उन्हें जोड़ती है हेयरड्रेसिंग के प्रति गहरी लगन और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की दृढ़ इच्छा। पूरे देश से मिले जबरदस्त प्रतिसाद के चलते यह प्रतियोगिता बेहद सफल रही। 24 अगस्त से 4 सितम्बर 2025 की छोटी-सी पंजीकरण अवधि में ही आवेदन की बाढ़ आ गई।

एसके ब्यूटी रिसोर्सेस के निदेशक अंकित विरमानी ने कहा, “आज शिक्षक दिवस के अवसर पर हम सिर्फ ‘सपनों का आइना’ के विजेताओं का सम्मान नहीं कर रहे, बल्कि उस ज्ञान-साझा करने की परंपरा का भी उत्सव मना रहे हैं जो जीवन बदल देती है। ये युवा अपने सपनों के साथ हमारे पास आए और उनके कौशल को दिशा देने वाले ‘शिक्षक’ बनने का अवसर हमें मिला, यह हमारे लिए गर्व की बात है। उनकी लगन हमें याद दिलाती है कि आर्थिक परिस्थितियाँ कभी भी शिक्षा में बाधा नहीं बननी चाहिए। एसके ब्यूटी रिसोर्सेस के निदेशक शुभम विरमानी ने कहा, “हम तक पहुँचे आवेदनों में छात्रों की गुणवत्ता उल्लेखनीय रही। प्रत्येक विजेता के भीतर हेयरड्रेसिंग के प्रति अटूट जुनून है और इस कौशल से अपने जीवन तथा समाज को बदलने की स्पष्ट दृष्टि है। एसके परिवार में उनका स्वागत करते हुए हम प्रसन्न हैं और सपना देखने से लेकर कुशल पेशेवर बनने तक के इनके सफर के साक्षी बनने के लिए उत्सुक हैं।

विजेता सलमान राजपूत ने अपनी खुशी साझा की, “जब मैंने ‘सपनों का आइना’ के बारे में सुना, तो लगा जैसे किसी ने सचमुच मेरे सपनों को जाना है। लॉकडाउन के दौरान पारिवारिक कठिनाइयों के कारण मुझे अपना जुनून छोड़ना पड़ा था। घर का बड़ा बेटा होने के नाते मुझे लगा कि प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना अब संभव नहीं होगा। लेकिन यह अवसर मुझे मिला। यह मेरे लिए केवल कौशल सीखना नहीं, बल्कि मेरे और मेरे परिवार के लिए प्रमाण है कि सपने सच हो सकते हैं। प्रतियोगिता के विजेताओं की शिक्षक दिवस पर की गई यह घोषणा विशेष महत्व रखती है। यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के इस विश्वास को नमन है कि “शिक्षा परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली साधन है।” “सपनों का आइना” प्रतियोगिता गुरु-शिष्य परंपरा का मूर्त रूप है, जिसमें ज्ञान बिना किसी अवरोध के साझा किया जाता है और मार्गदर्शन से सपनों को साकार किया जाता है।

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