नाबार्ड के साथ दिवाली हाट
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 18 अक्टूबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। नाबार्ड के नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा समर्थित और अंबापाली मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज द्वारा आयोजित "दिवाली हाट 2025 - परंपरा से रौशन प्रगति पथ" का भव्य उद्घाटन एम्पोरिया कॉम्प्लेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस में आयोजित किया गया। 15 से 25 अक्टूबर 2025 तक चलने वाले इस दस दिवसीय महोत्सव में भारत के 20 राज्यों के 100 से अधिक कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों की भागीदारी है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर श्री हेमंत कुमार, आईएएस विशेष विकास आयुक्त (देव), जीएनसीटीडी, श्री लोकेश कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, एक्जिम बैंक, श्री राजेश कुमार, महाप्रबंधक और एसएलबीसी, श्री जीजी मैमन, कार्यकारी निदेशक और सीईओ, साधन और श्री नवीन कुमार रॉय, महाप्रबंधक/ओआईसी, नाबार्ड, नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय उपस्थित थे। उद्घाटन के दौरान, श्री हेमंत कुमार ने इन ग्रामीण कारीगरों और किसानों की सहायता करने में नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह प्रदर्शनी भारत की विरासत का एक जीवंत टेपेस्ट्री है - 15 राज्यों के 50 स्टॉल हमारे कारीगरों की प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं। यहां की प्रत्येक रचना सिर्फ एक उत्पाद नहीं है, बल्कि परंपरा, कौशल और गौरव की कहानी है।
श्री नवीन कुमार रॉय ने कहा इस पहल के माध्यम से, हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कारीगरों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान का समर्थन करने के लिए काम कर रहे हैं। जब कारीगर और किसान चमकते हैं, तो भारत चमकता है। यह हाट न केवल परंपरा को संरक्षित करता है बल्कि ग्रामीण युवाओं और शिल्पकारों के सशक्तिकरण के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक शिल्प कौशल और भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों को एक ही मंच पर प्रदर्शित करना है। दिवाली के शुभ अवसर पर, इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण कारीगरों के जीवन में रोशनी लाना है जो अपनी कला, रंग और परंपराओं से घरों को रोशन करते हैं। कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रोफेसर राम सिंह, निदेशक दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एवं मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) के सदस्य और श्रीमती सुपर्णा टंडन, एनपीएस ट्रस्ट की सीईओ ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। गणमान्य व्यक्तियों ने कारीगरों के साथ बातचीत की और प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित की जा रही समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विविधता की सराहना की।
दिवाली हाट में आने वाले आगंतुकों को 20 से अधिक जीआई उत्पादों, जैविक बाजरा, गुड़, देसी शाकाहारी घी, मसाले, केसर, सूखे मेवे, साथ ही दस्तकारी पश्मीना, माहेश्वरी और चंदेरी साड़ी, मूगा सिल्क, जरी का काम, कंकड़ कला और ऐपेन पेंटिंग और कई अन्य उत्पादों सहित विभिन्न प्रकार के उत्पादों को देखने और खरीदने का अवसर मिलेगा। प्रत्येक स्टॉल भारत की परंपरा, स्थिरता और सदियों पुरानी कलात्मकता की कहानी कहता है। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न राज्यों की लोक कला और नृत्य प्रदर्शन शामिल हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों, बैंक प्रतिनिधियों, कारीगरों, विशिष्ट अतिथियों और जनता की उपस्थिति ने उत्सव की भव्यता को बढ़ा दिया। नाबार्ड का दिवाली हाट 2025 को न केवल एक व्यावसायिक मंच के रूप में देखा जाता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ग्रामीण सशक्तिकरण के एक उज्ज्वल पहल के रूप में देखा जा सकता है।
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