गौरव भारद्वाज की शानदार फोटोग्राफी प्रदर्शनी ज़ाविये लगी
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, मंगलवार 2 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। ज़ाविये एक उर्दू शब्द है जिसका मतलब है एंगल या नज़रिया, जो इमेजरी और पोएट्री को एक अनोखे और नाजुक तरीके से जोड़ता है। जो एक सपने के तौर पर शुरू हुआ था, वह अब एक छोटी सी एग्जीबिशन और एक बेहतरीन कॉफी टेबल बुक के साथ-साथ एक बहुमुखी ट्रेलब्लेज़र मीनू बख्शी की कविता पाठ के साथ सामने आया। यह मंगलवार, 25 नवंबर 2025 को विजुअल आर्ट गैलरी, इंडिया हैबिटेट सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली – 110003 में हुआ। मेहमानों में मुजफ्फर अली (भारतीय फिल्ममेकर और फैशन डिजाइनर), मिस्टर पीटर नूप, राका बल, सदफ खान, आरुषि कथूरिया, आर्टिस्ट दिव्यमान सिंह, डॉ. रेनी जॉय, निधि जैन, महक जैन, सबिता भाटिया, राधिका मनोचा और कई और लोग शामिल थे जिन्होंने अपनी मौजूदगी से शाम को और भी खास बना दिया। इस प्रदर्शनी में गौरव भारद्वाज द्वारा ली गई 32 विचारोत्तेजक श्वेत-श्याम तस्वीरें हैं, जिनमें से प्रत्येक के साथ गुलज़ार साहब द्वारा कृपापूर्वक दी गई एक कविता है। साथ में, वे शब्द और छवि के बीच एक ध्यानपूर्ण वार्तालाप बनाते हैं - जो दृश्यमान है और जो काव्यात्मक अदृश्य में रहता है, उसके बीच एक संवाद।
प्रदर्शनी 26 नवंबर से 01 दिसंबर, 2025 तक सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक विजुअल आर्ट गैलरी, इंडिया हैबिटेट सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली लगी। गौरव द्वारा परिकल्पित और जीवंत एक मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स, कला निर्देशक और लगभग तीन दशकों के अनुभव के साथ पुरस्कार विजेता विज्ञापन फोटोग्राफर ज़ाविये का जन्म एक सपने से हुआ था जो अब एक बेहतरीन ढंग से तैयार की गई किताब और एक गहन फोटोग्राफी प्रदर्शनी दोनों में अभिव्यक्ति पाता है। ज़ाविये के ज़रिए, दर्शकों को इमोशन सोच और कलाकारी की शांत गूंज का अनुभव करने के लिए बुलाया जाता है जहाँ कविता तस्वीरों को आवाज़ देती है, और तस्वीरें कविता में जान डाल देती हैं। गौरव भारद्वाज ने कहा, यह एक ऐसी जगह है जहाँ दो मीडियम नज़रिए, इमोशन और यादों को एक्सप्लोर करने के लिए अपनी सीमाओं को खत्म करते हैं।



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