₹1000 करोड़ की लागत से हरिद्वार में बनेगा संसार का सबसे बड़ा विश्व सनातन महापीठ

शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 20 दिसंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और वैदिक परंपरा के वैश्विक पुनर्जागरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में हरिद्वार की पावन भूमि पर ₹1000 करोड़ की लागत से संसार का सबसे बड़ा “विश्व सनातन महापीठ” विकसित किया जा रहा है। यह महाप्रकल्प न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में सनातन चेतना, धर्म, साधना, शिक्षा और सेवा को एक संगठित और प्रमाणिक स्वरूप में स्थापित करने का प्रयास है। इस महाप्रकल्प का शिला पूजन एवं उद्घोष समारोह 21 नवंबर 2025 को हरिद्वार में वैदिक मंत्रोच्चारण, यज्ञ और विधिवत पूजन के साथ संपन्न हुआ, जिसे इस विशाल वैश्विक सनातन प्रकल्प की औपचारिक शुरुआत माना जा रहा है। संतों, आचार्यों, विद्वानों और श्रद्धालुओं की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ यह आयोजन सनातन धर्म के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। इसी क्रम में 19 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में विश्व सनातन महापीठ को लेकर एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें महाप्रकल्प की परिकल्पना, उद्देश्य, निर्माण योजना और वैश्विक दृष्टि को राष्ट्रीय मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

तीर्थ सेवा न्यास एक पंजीकृत सनातन संस्था है, जो वर्षों से धर्म, संस्कृति, तीर्थ संरक्षण, संत सेवा, शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। न्यास का मुख्यालय हरिद्वार में स्थित है और इसके कार्यक्षेत्र देश के विभिन्न राज्यों तक विस्तृत हैं। इस महाप्रकल्प का नेतृत्व पूज्य तीर्थाचार्य श्री राम विशाल दास जी महाराज कर रहे हैं, जो तीर्थ सेवा न्यास के अध्यक्ष एवं विश्व सनातन महापीठ के पीठाधीश्वर हैं। उनके मार्गदर्शन में यह परियोजना एक सुव्यवस्थित, दीर्घकालिक और राष्ट्रहितकारी स्वरूप में आगे बढ़ रही है। इस अवसर पर परम पूज्य बाबा हठयोगी जी महाराज ने इस अवसर पर कहा विश्व सनातन महापीठ सनातन आत्मा की जागृति का केंद्र बनेगा। यहाँ धर्म केवल वाणी नहीं, बल्कि आचरण और जीवन का आधार बनेगा। यह महापीठ साधना, सेवा और संस्कार के माध्यम से समाज को सही दिशा देने का कार्य करेगी। सनातन चेतना को संगठित और सशक्त रूप में आगे बढ़ाने के लिए यह एक ऐतिहासिक और आवश्यक संकल्प है। इस परियोजना को अनेक प्रतिष्ठित संतों और विद्वानों का मार्गदर्शन प्राप्त है। प्रमुख रूप से परम पूज्य बाबा हठयोगी जी महाराज, महन्त ओमदास जी महाराज, डॉ. गौतम खट्टर जी, श्री शिशिर चौधरी जी, सुश्री दीक्षा छिल्लर (निदेशक – मार्केटिंग) तथा आकाश जुगराज (डायरेक्टर – मीडिया एवं जनसंपर्क) इस महाप्रकल्प के संचालन, प्रचार और संगठनात्मक समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

आयोजकों के अनुसार विश्व सनातन महापीठ का निर्माण कार्य वर्ष 2025 से प्रारंभ होकर वर्ष 2032 तक चरणबद्ध रूप से पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह महापीठ हरिद्वार की लगभग 100 एकड़ पवित्र भूमि पर वैदिक वास्तुशास्त्र के अनुसार विकसित की जाएगी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग ₹1000 करोड़ है। इसमें ध्यान केंद्र, विशाल भोजनालय, पुस्तकालय, शोध संस्थान और अन्य सहायक संरचनाएँ विकसित की जाएँगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह विशेष रूप से बताया गया कि यह विश्व का पहला ऐसा सनातन संसद मॉडल होगा, जहाँ भारत सहित विश्वभर से गुरु, संत, महात्मा और आचार्य अपनी-अपनी परंपराओं एवं पदवियों के माध्यम से सहभागी बनेंगे। इस संसद का उद्देश्य सनातन धर्म को और अधिक सशक्त, संगठित और अखंड स्वरूप प्रदान करना है।विश्व सनातन महापीठ की एक महत्वपूर्ण और चर्चित योजना है प्रति वर्ष 1,00,000 (एक लाख) सनातन योद्धाओं का निर्माण। इन युवाओं को लाठी, पारंपरिक शस्त्रों, आत्मरक्षा, शारीरिक-मानसिक दृढ़ता, योग, साधना और अनुशासन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन सनातन योद्धाओं का उद्देश्य आक्रमण नहीं, बल्कि आत्मरक्षा, परिवार की सुरक्षा, सनातन धर्म की रक्षा और देश की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना होगा।

पूज्य तीर्थाचार्य श्री राम विशाल दास जी महाराज के अनुसार विश्व सनातन महापीठ केवल एक भवन या परियोजना नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म की संगठित चेतना का वैश्विक केंद्र बनेगा। हमारा उद्देश्य धर्म को आस्था तक सीमित न रखकर उसे जीवन, शिक्षा और सेवा से जोड़ना है। उन्होंने आगे कहा यहाँ से निकलने वाले  सनातन योद्धा अपने परिवार, समाज, देश और धर्म के लिए जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनेंगे। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में 19 दिसंबर 2025 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय पूर्व क्रिकेटर श्री प्रदीप सागवान की विशेष उपस्थिति रही। इसके साथ ही श्री अशोक कुमार सोलंकी जी, श्री कुमार सोलंकी जी (सेवानिवृत्त उपाध्यक्ष), श्री शुभम मलिक जी (सदस्य, तीर्थ सेवा न्यास) तथा श्री अनुराग शर्मा जी (सदस्य, तीर्थ सेवा न्यास) भी उपस्थित रहे। इन सभी गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को गरिमा प्रदान की और महाप्रकल्प के प्रति समाज के विभिन्न वर्गों के समर्थन को स्पष्ट रूप से दर्शाया। 2032 तक पूर्ण रूप से स्थापित होने के बाद, विश्व सनातन महापीठ भारत की आध्यात्मिक पहचान को वैश्विक स्तर पर नई दिशा देगा और सनातन संस्कृति, वैदिक ज्ञान एवं आध्यात्मिक संवाद का एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनेगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया से निलंबित पूर्व अध्यक्ष एस.कुमार ने गैर कानूनी तरिके से किया सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया का विस्तार, जल्द होगी कानूनी कार्यवाही