ग्रामीण बौद्ध विरासत के संरक्षण पर वैश्विक सम्मेलन की घोषणा
शब्दवाणी सम्माचार टीवी, शनिवार 22 नवंबर 2025 (प्रबंध सम्पादकीय श्री अशोक लालवानी 8803818844), नई दिल्ली। इंडियन ट्रस्ट फ़ॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट (ITRHD), जिसकी स्थापना 2010 में हुई थी, ने 21 नवंबर 2025, शुक्रवार को वर्ल्ड वाइड फ़ंड फ़ॉर नेचर–इंडिया (WWF-India), नई दिल्ली में आगामी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन प्रिज़र्वेशन ऑफ़ रूरल बौद्ध हेरिटेज (PRBH) की प्रस्तावना के रूप में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। यह सम्मेलन 28–30 नवंबर 2025 को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित होगा। PRBH का उद्देश्य भारत की असुरक्षित ग्रामीण बौद्ध विरासत को संरक्षित करने और विरासत संरक्षण को सतत् ग्रामीण विकास के साथ जोड़ते हुए वैश्विक संवाद को बढ़ावा देना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ITRHD ने सम्मेलन के उद्देश्यों, अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं की प्रतिष्ठित सूची और आंध्र प्रदेश के नागार्जुनकोंडा में प्रस्तावित अकादमी फॉर रूरल हेरिटेज कंज़र्वेशन एंड डेवलपमेंट ट्रेनिंग की दृष्टि साझा की। यह अकादमी विश्व का पहला ऐसा संस्थान होगा जो विशेष रूप से असुरक्षित ग्रामीण बौद्ध विरासत स्थलों के संरक्षण, पुनर्स्थापन और सतत् विकास पर केंद्रित होगा—जहाँ संरक्षण कार्यस्थल स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण और आजीविका-सृजन से जुड़ा होगा।
इस अवसर पर ITRHD के चेयरमैन और इस पहल के प्रेरक, श्री एस. के. मिश्रा ने कहा हमारा उद्देश्य केवल भारत की बौद्ध विरासत के भौतिक अवशेषों का संरक्षण भर नहीं है, बल्कि उन ग्रामीण समुदायों को पुनर्जीवित करना भी है जो सदियों से इस धरोहर के संरक्षक रहे हैं। प्रस्तावित अकादमी शोध, शिक्षण और फील्ड-आधारित प्रशिक्षण का एक वैश्विक केंद्र बनेगी, जहाँ संरक्षण और प्रगति साथ-साथ चलेंगे। ताबो मठ के आध्यात्मिक सिंहासनाधिकारी, हिज़ एमिनेंस क्याब्जे त्सेनशब सेरकोंग रिनपोछे द्वितीय, जो PRBH सम्मेलन के प्रमुख वक्ताओं में से एक हैं, ने वीडियो संदेश में कहा मुझे यह जानकर अत्यंत खुशी हुई कि इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट ग्रामीण बौद्ध विरासत और संस्कृति के संरक्षण के लिए एक अकादमी स्थापित करने के अपने प्रयास में प्रतिबद्ध है और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, विद्वानों और प्रैक्टिशनरों को इसमें शामिल कर रहा है। बौद्ध स्थलों के संरक्षण हेतु यह पहल अत्यंत सराहनीय है। मैं इसके लिए हृदय से धन्यवाद देता हूँ। इस दौरान इंटरनेशनल बौद्ध कॉन्फेडरेशन (IBC), स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने ITRHD नेतृत्व के साथ मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने भारत की विशाल और उपेक्षित ग्रामीण बौद्ध विरासत के संरक्षण की तात्कालिक आवश्यकता पर बल दिया, और इस विरासत को समावेशी ग्रामीण विकास से जोड़ने के महत्व को रेखांकित किया।



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